बिहार के शरद कुमार ने टोक्यो पैरालंपिक में कांस्य पदक जीत किया बिहार का नाम रौशन

आपको बता दें कि बिहार राज्य के शरद कुमार में टोक्यो पैरालंपिक में ऊँची छलांग लगाकर कांस्य पदक को जीत लिया है। कांस्य पदक को जीत बिहार के एथलीट शरद कुमार ने बिहार राज्य के साथ-साथ देशवासियों का नाम गौरवान्वित किया है। शरद कुमार यह कामयाबी हासिल करने वाले बिहार राज्य के पहले पैरा एथलीट हैं। उन्होंने आज मंगलवार को ऊँची कूद की T-63 स्पर्धा में कांस्य पदक जिता है, जिसके बाद शरद के राजधानी पटना स्थित आवास पर जश्न का माहौल बना हुआ है। इनके पिता सुरेंद्र कुमार और माता कुमकुम कुमारी तथा भाई शैलेश कुमार शरद की जीत पर एकदम फुले ना समा रहे हैं। शरद को पैरों पर खड़ा करने में इस परिवार ने काफी मेहनत की थी जिसका इनाम आज शरद को मिला है।

शरद के लिए रोजर फेडरर हैं आइडियल

साथ ही आपको पता हो कि शरद कुमार के आइडियल टेनिस स्टार रोजर फेडरर हैं। शरद कुमार के कहा कि जो फाइटर होगा उसे जरूर जीत मिलेगी। पैराओलंपिक पदक जीतने के बाद मेरा सपना पूरा हो गया है। हमारे आइडियल रोजर फेडरर से मैंने आखरी छण तक लड़ने और हार ना मानने को सीखा है। मैं चाहूँगा कि अन्य एथलीट भी ग्लैमर और पैसे के पीछे ना भाग अपने दृढ़ लक्ष्य की ओर अग्रसर रहें तो उन्हें जीत जरूर मिलेगी।

स्पर्धा के कुछ देर पहले शरद कुमार के पैर में लगी थी चोट

इधर स्पर्धा के कुछ देर पहले शरद के पैरो में चोट लग गई थी और वह रोने तक लगे थे, इसके बाद उन्होंने यह बात अपनी माता जी से बताई और माँ ने उन्हें संभाल लिया। माँ ने कहा कि जब 18 महीने में तुम्हें पोलियो हुआ था तो मैंने हार नहीं मानी तो अब तो पूरे भारत देश की बात है, तुम कैसे पीछे हट सकते हो, संकल्पित बनो और आगे बढ़ते रहो। वहीं पिता सुरेंद्र कुमार ने कहा कि समय-समय पर जिस तरह से प्रधानमंत्री जी ने  हौसला बढ़ाते रहे उसकी बदौलत ही शरद को यह जीत मिल पाई है।

इससे पूर्व शरद कुमार को यह उपलब्धि मिल चुकी है, एक नजर मे देखें:-

  • 2014 दक्षिण कोरिया पैरा एशियाड – शरद कुमार 12 साल का एशियाई रिकार्ड तोड़ स्वर्ण पदक जीता
  • 2018 जकार्ता पैरा एशियाड – स्वर्ण पदक
  • 2017 पैरा विश्व चैंपियनशिप- रजत पदक
  • 2018  -अर्जुन पुरस्कार मिला
  • 2020 पैरालिंपिक-कांस्य पदक
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