दिवंगत रामविलास पासवान का परिवार 31 साल के लंबे अरसे के बाद दिल्ली के 12 जनपथ स्थित रामविलास पासवान के नाम से आवंटित बंगले से विदा लेगा। आपको बता दे कि शहरी विकास एवं आवास मंत्रालय के अधीन संपदा निदेशालय ने रामविलास पासवान ने नाम से आवंटित बंगले को खाली कराने के लिए चिराग पासवान को नोटिस दिया जा चुका था, लेकिन चिराग पासवान ने अपने पिता की बरसी तक के लिए मोहलत मांगी थी। अब इस बंगले को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को आवंटित कर दिया गया है।
वर्तमान में चिराग जमुई जिले सांसद हैं जिसके आधार पर उन्हें नार्थ एवेन्यू में आवास आवंटित किया गया है, लेकिन चिराग अपने पिता के उनको दिए गए बंगले में रहते आ रहे थे। रामविलास पासवान के निधन के उपरांत उनके नाम से आवंटित आवास को खाली करना पड़ रहा है, इस बंगले के साथ लोजपा के सन्स्थापक दिवंगत रामविलास पासवान के राजनीतिक जीवन का बड़ा हिस्सा जुड़ा हुआ है इसके साथ ही चिराग पासवान के बचपन की यादें इस बंगले से जुड़ी हुई है।
दिवंगत रामविलास पासवान ने कई प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है और अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है उस क्रम मर वे इसी बंगले में रहे। इस बंगले से रामविलास पासवान के परिवार का गहरा लगाव रहा है, लोजपा के आधिकारिक पते के तौर इसी बंगले के पते का प्रयोग होता आया है पर अब इसे छोड़ने में बाद लोजपा का आधिकारिक पता भी बदल जाएगा।
दिवंगत रामविलास पासवान के नाम से आवंटित इस बंगले को खाली कराने के लिए 14 जुलाई नोटिस भेजा गया था। आपको बता दें यह बंगला चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस को आवंटित किया जा रहा था पर पशुपति पारस ने इस बंगले में रहने से मना कर दिया। जिसके बाद पशुपति पारस को शरद यादव को दिया गया बंगला आवंटित किया गया है और इस बंगले को मौजूदा रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को आवंटित किया गया है।