जिद, जुनून और जज्बा जिस इंसान के अंदर घर कर जाता है, यकीनन सफलता उसके कदमों को चूमती है। तमाम मुसीबतों के बाबजूद भी जिनके हौंसले फौलाद की तरह बुलंद रहते हैं, उनके सपना जरूर साकार होता है। ऐसी ही एक संघर्ष की कहानी है महाराष्ट्र के तेजल आहेर की जो जिसका परिवार कभी दो वक्त की रोटी के लिए परिवार संघर्ष करता था और आज पुलिस अफसर है।
अति साधारण पृष्टभूमि से आने वाली तेजल आहेर का घर महाराष्ट्र के नासिक जिले में हैं। आर्थिक स्थिति इतनी भी अच्छी नहीं थी कि तेजल परीक्षा की तैयारियों के लिए कोचिंग जा सके। किसी तरह दो वक्त के खाने का जुगाड हो पाता था। बाबजूद इसके तेजल ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। प्रतिकूल परिस्थितियों में खुद को स्थापित किया।
तेजल स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद परीक्षा की तैयारी के लिए नासिक चली गई थी। वहां तेजल ने दिन रात एक कर के पढ़ाई की। पर्व–त्यौहार में भी तेजल परीक्षा की तैयारियों में ही व्यस्त रहा करती थी।
तेजल की मेहनत रंग लाई अपने दम पर महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास की। 15 महीने की ट्रेनिंग करने के बाद तेजल को महाराष्ट्र पुलिस में सब इंस्पेक्टर का पद मिला। अब तेजल ग्रामीण क्षेत्र से आने वाली लड़कियों के रोल मॉडल बन गई है।