Bihar Land Mutation : बिहार में जमीन रजिस्ट्री होने के बाद भी खारिज दाखिल में काफी समस्या उभर कर सामने आ रही है। राज्य के लगभग सभी जिलों में जमीन रजिस्ट्री होने के बाद खारिज दाखिल की प्रक्रिया लंबित पड़ी है जिनकी संख्या लाखों में है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार ने नई व्यवस्था लागू की है।
बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने Bihar Land Mutation के लिए नई व्यवस्था लागू करने के साथ ही सभी समाहर्ताओं को पत्र लिखकर तत्काल इस प्रभाव में लाने का आदेश दिया है। दाखिल खारिज के प्रक्रिया के क्रम में दस्तावेजों के अभाव तथ्यों में त्रुटि एवं भिन्नता होने के कारण आवेदन को अस्वीकार कर दिया जाता है जिसे विभाग संज्ञान में लेते हुए इसके निराकरण पर काम कर रहा है जिससे आम जनों को समस्या से निजात मिले।
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Bihar Land Mutation के कई प्रावधानों में हुए बदलाव।
बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने (Bihar Land Mutation) (संशोधन) नियमावली 2020 के उपनियम – 3 (क) एवं 3 (ख) में किये गये प्रावधानों के तहत कई संशोधन किए हैं। संशोधन के बाद अब दाखिल खारिज की ऑनलाइन प्रक्रिया के बाद आवेदक को टोकन प्राप्त होगा। इसके बाद अंचलाधिकारी आवेदक से संबंधित कर्मचारियों को त्रुटि की जांच के लिए आवेदन अग्रेषित करेंगे। अंचल अधिकारी द्वारा फॉरवर्ड होने के बाद राजस्व कर्मचारी को आवेदन संबंधित तथ्यों एवं दस्तावेजों की जांच 3 दिन के निर्धारित समय में करना होगा। जांच के दौरान राजस्व कर्मचारी सुनिश्चित करेंगे कि आवेदन के सभी तथ्य एवं दस्तावेज सही है या नहीं।
राजस्व कर्मचारी अंचल अधिकारी को भेजेंगे रिपोर्ट।
Bihar Land Mutation की प्रक्रिया में राजस्व कर्मचारी द्वारा सभी तथ्य और दस्तावेज सही पाए जाने पर जांच के बाद त्रुटि जांच की रिपोर्ट ऑनलाइन माध्यम से संबंधित अंचलाधिकारी को भेजेंगे। इतनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद आवेदक को कंप्यूटर जेनरेटेड वाद संख्या प्राप्त होगा। आवेदन में त्रुटि और दस्तावेज की कमी होने की स्थिति में राजस्व कर्मचारी त्रुटि का उल्लेख करते हुए अपने रिपोर्ट संबंधित अंचलाधिकारी को देंगे। इसके बाद संबंधित अंचलाधिकारी जरूरी संशोधन एवं आवश्यक दस्तावेज संलग्न करने के लिए आवेदन आवेदक को देंगे।
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संशोधित आवेदन पास होगा केवल स्वीकृत का विकल्प।
आवेदन में आवेदक द्वारा संशोधन के बाद वह आवेदन अंचलाधिकारी एवं राजस्व अधिकारी के लोगों डैशबोर्ड में दिखेगा। संशोधन के उपरांत राजस्व कर्मचारी के पास सिर्फ इस आवेदन को स्वीकृत करने का विकल्प होगा। कर्मचारी से एक बार स्वीकृत हो जाने के बाद आवेदक को वाद संख्या प्राप्त होगा। आवेदक द्वारा संशोधन के उपरांत राजस्व कर्मचारी आवेदन में किसी भी प्रकार के त्रुटि का उल्लेख नहीं कर सकेंगे। इतनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद एक निश्चित कार्य अवधि में अंचलाधिकारी, राजस्व कर्मचारी एवं अन्य राजस्व अधिकारी द्वारा पूरा करना होगा। संबंधित अधिकारी द्वारा निष्पादन के बाद (Bihar Land Mutation) दाखिल खारिज की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। राजस्व विभाग की वेबसाईट पर जाने के लिए यहाँ क्लिक करें।