मोनिका दास पटना की रहने वाली है और वो एक प्राउड ट्रांस वीमेन है, मोनिका का कहना है कि घर में अगर कोई लड़की लड़कों के कपड़े पहनकर, लड़कों से मिलता जुलता व्यवहार करने लगती है तब लोग उसे कहते हैं कि लड़की बोल्ड है। ठीक इसके विपरीत लड़को की स्थिति में ऐसा होने पर लोग उसे हीन-भावना से देखने लगते हैं। इस कड़ी मैं मैंने मोनिका दास के संदर्भ में है। जो कि अपने जीवन मे तरह-तरह के चुनौतियों का सामना करते हुए अपने मेहनत के बदौलत सफल हो पाई हैं।
मोनिका राजधानी पटना में बैंकर के तौर पर काम करती हैं। साल 2015 में मोनिका देश की पहली ट्रांसजेंडर बैंकर बनी हैं और इसके साथ ही पीठासीन पदाधिकारी के तौर पर एक चुनाव बूथ की पूरी जिम्मेवारी भी संभाल चुकी हैं। मोनिका ने अपनी शुरुआती पढ़ाई नवोदय विद्यालय से पूरा किया। उन्होंने अपना ग्रेजुएशन पटना विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले पटना कॉलेज से पूरी की है। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने पटना युनिवसिर्टी से ही एलएलबी पूरा किया, जिसमें उन्हें गोल्ड मेडल भी प्राप्त है। इन सब के अलावा मोनिका Beauty Pageant for Transgenders की विजेता भी रह चुकी हैं।
मोनिका की शख्सियत अपने संघर्ष और मेहनत के बदौलत आज किसी परिचय की मोहताज नहीं है। उन्होंने जीवन मे तरह-तरह की चुनौतियों और समस्याओं का सामना करते हुए मेहनत से अपनी पहचान बनाई है। मोनिका एक प्राउड ट्रांस वूमेन हैं, जिन्होंने अपनी सफलता के बदौलत LGBTQ समुदाय को फलक पर पहुंचाने का काम किया है।
मोनिका ने बताया कि उनकी आइडेंटिटी लड़कों से अलग थी और लोग उन्हें पहले गोपाल के नाम से जानते थे, मगर धीरे-धीरे उन्हें एहसास हुआ कि उन्हें नारित्व से ज्यादा लगाव है। जिसके बाद उन्हें पारिवारिक व सामाजिक स्तर पर ढेर सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। सारी चुनौतियों नके बावजूद मोनिका ने समाज से सोच और मानसिकता से ऊपर उठ कर अपने आपको ट्रांस वूमेन का पहचान दिलाने का निश्चय कर लिया।