असफलता को हथियार बनाकर सफलता की नई पटकथा लिखने वाले प्रफुल्ल बिल्लौरे की कहानी शानदार है। 25 साल की उम्र में ही इस युवा ने अपने चाय के धंधों को करोड़ों के टर्नओवर में तब्दील कर दिया है। MBA में मिली असफलता के बाद चाय का एक स्टॉल लगाया इसका नाम उन्होंने एमबीए चायवाला रखा जो, आज युवाओं के बीच काफी पॉपुलर हो चुका है। इनकी सफलता की दिलचस्प कहानी हर किसी को पढ़नी चाहिए।
धार के किसान पृष्ठभूमि से आने वाले प्रफुल्ल बिल्लौरे की ख्वाहिश IIM अहमदाबाद से MBA करने की थी। लेकिन असफलता हाथ लगने के बाद दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों में पैसे कमाने के लिए अपने पैर पसारने शुरू किए। लेकिन प्रफुल्ल का मन अहमादाबाद में आकर लगा।
यहां उन्होंने मैकडॉनल्ड में नौकरी करने लगे। एक घंटे के 37 रुपए मिलते थे और प्रफुल्ल रोजाना 12 घंटे काम करते थे।नौकरी करते हुए खुद के व्यापार करने का आइडिया आया। इसीलिए उन्होंने कम निवेश में एक चाय स्टाल की शुरुआत करने की सोची। प्रफुल्ल ने पढ़ाई के नाम पर पिता से 10 हजार रूपए लेकर चाय ठेला लगाया। काफी सोच-विचार के बावजूद उन्होंने इसका नाम ‘MBA चाय वाला’ रखा।
शुरुआती दिनों में चाय नहीं बिकने से परेशान प्रफुल्ल ने लोगों के पास जाकर चाय बेचना शुरू कर दिया। प्रफुल्ल वेल क्वालिफाइड पर्सन है, इसलिए उन्होंने इंग्लिश बोलने की तरकीब अपनाई। धीरे धीरे बिजनेस रफ्तार पकड़ी और रोजाना के 4000 से 5000 रूपए की बिक्री होने लगी और उन्होंने जॉब छोड़कर दुकान पर ही पूरा समय देना शुरू कर दिया। लोकल में होने वाली इवेंट, म्यूजिकल नाइट व प्रोग्राम में “MBA चाय वाले’ की बुकिंग मिलने लगी।
आज प्रफुल्ल नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर इवेंट में चाय स्टोर लगाते हैं। देशभर में इनके कई फ्रेंचाइजी खुल चुके हैं। अब विदेश में भी फ्रेंचाइजी खोलने की तैयारी है। लंदन में भी इसके नाम से आउटलेट है।