बिहार राज्य में लगातार ठंड बढ़ रही है। बीते मंगलवार को सम्पूर्ण राज्य में दिन का तापमान सामान्य से कम रहा। बता दें कि अभी राज्य में दिन के सामान्य तापमान से पारा 6 डिग्री नीचे आ गया है। पूरे प्रदेश में कोल्ड डे की स्थिति बनी रही। मसलन एक दो जगह किशनगंज व सारण को छोड़ दे तो पूरे बिहार में दिन का औसत तापमान 14-16 डिग्री के बीच रहा। कपकपी इतनी थी कि शहर में कई स्थानों पर अलाव जलते दिखे। हरनौत व पूसा में दिन का सबसे कम पारा 14.2 डिग्री रिकॉर्ड किया गया।
आपको बताते चलें कि गया में उत्तम तापमान सामान्य से 8 डिग्री नीचे 14.6 डिग्री रहा, पटना में सामान्य से 6 डिग्री नीचे 14.5, भागलपुर में सामान्य से 6 डिग्री नीचे 16.1, पूर्णिया में भी सामान्य से 6 डिग्री नीचे 16.5 डिग्री सेल्सियस रहा, किशनगंज में उच्चतम तापमान सबसे ज्यादा 22 और किशनगंज में 21.8 डिग्री रहा। पूरे राज्य में उच्चतम व न्यूनतम तापमान में अधिकतम केवल 2-4 डिग्री का ही अंतर है। सबसे कम न्यूनतम तापमान सिवान के जीरादेई में 8 डिग्री दर्ज हुआ है। ऐसे में सब्जियों की फसलों पर पाले का संकट छा गया है। हालांकि इस वक्त गेहूं के अतिरिक्त बाकी सभी फसलों में पुष्प आने का समय है।
वहीं पूसा में दिन का तापमान बीते पिछले 20 सालों में सबसे कम दर्ज हुआ है। यहां पारा सामान्य से 7-8 डिग्री कम रहा। आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार फिलहाल राज्य को घने कोहरे से निजात मिलने के आसार नहीं हैं। आईएमडी के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी आशीष कुमार ने बताया कि सतह पर पछुआ व उत्तर पछुआ पवन की गति काफी कम होने के साथ-साथ वातावरण में नमी की मात्रा 90% से ज्यादा है। जिस कारण कोहरे के लेयर आसमान में काफी ऊंचाई तक बन चुकी है। हालांकि 7 जनवरी से ठंड और बढ़ने की संभावना है।
दिन के तापमान में लगातार गिरावट व धूप न खिलने से उत्पादन में कमी आने का खतरा उत्पन्न हो जाता है। वहीं दुधारू पशुओं के दूध में भी कमी आ सकती है। बता दें कि डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ डॉ ए सतार ने के अनुसार गेहूं को छोड़कर शेष सभी फसलों विशेषकर आलू, मटर, टमाटर और मक्का पर दिन के तापमान में गिरावट का नकारात्मक असर पड़ेगी। इन फसलों में झुलसा रोग पकड़ सकता है। किसानों को कृषि विज्ञानियों की सलाह का लाभ उठाना चाहिए। हालात 2-3 दिन बाद दिन में बारिश कुछ सुधार हो सकती है।