बिहार के भागलपुर में पहली मर्तबा गंगा में सुरंग का निर्माण कर कूड ऑयल की पाइपलाइन बिछेगी। ओडिसा के पारदीप बंदरगाह से यह पाइपलाइन कच्चे तेल की सप्लाई असम के नुमालीगढ़ रिफाइनरी को करेगी। नुमालीगढ़ असम के गोलाघाट के मोरंगी में अवस्थित है। पाइपलाइन पांच प्रदेशों से होकर गुजरेगी। कूड ऑपल की पाइपलाइन झारखंड, ओडिसा, पश्चिमी बंगाल और बिहार होते हुए सिलीगुड़ी के रास्ते गुवाहाटी होकर नुमालीगढ़ रिफाइनरी तक लगभग 1630 किमी तक जाएगी। यह बंगाल के वर्धमान होते हुए सैंथिया पाकुड़, गोड्डा होकर पीरपैंती में जाकर मिलेगी। जहां गंगा में बनी सुरंग से होकर बरारी होते हुए पूर्णिया, अररिया, किशनगंज के रास्ते सिलीगुड़ी को जायेगी।
बता दें कि 28 हजार करोड़ के इस परियोजना को चार सेक्शन में डिवाइड कर काम किया जा रहा है। दूसरे सेक्शन में बर्धमान से पूर्णिया के बीच ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछेगी। यह ठेका सूर्य रोशनी लिमिटेड को मिला है जो गेल के मदद से भागलपुर में टनल बनाएगी। बिहार में लगभग 200 किमी का इलाका प्रोजेक्ट में शामिल है। पीरपैंती में टनल बनाने पर लगभग 100 करोड़ खर्च होंगे। इसमें 80 करोड़ टनल निर्माण तथा 20 करोड़ फोर्स पंपिंग स्टेशन बनाने पर होगा।
पीरपैंती में 14 ग्रामीणों की 18.642 किमी भूमि चिह्नित प्रोजेक्ट के स्थानीय प्राधिकार सह डीसीएलआर रविकांत सिन्हा ने जानकारी दी कि प्रोजेक्ट के लिए पीरपैंती के शेरमारी, प्यालापुर, परसबन्ना, रिफातपुर, मजरोही, अमानत, भटोतर, ओलापुर, मोहनपुर, मानिकपुर परसरामपुर खुशालपुर, ओलापुर इंग्लिश तथा माधोपुर गांव की टोटल 18 किमी 642 मीटर भूमि के अंदर से पाइप गुजरेगी। सबसे ज्यादा एरिया प्यालापुर (2.530 किमी), परसरामपुर (3.670 किमी) और रिफातपुर (3.268 किमी) में है। भूमि अधिग्रहण का प्रोसेस शुरू है।