बुधवार को जिले के डीएम सुब्रत कुमार सेन ने मुंगेर- मिर्जाचौकी फोरलेन निर्माण प्रोजेक्ट के तहत भागलपुर बायपास के पैकेज 3 जिच्छो के पास भ्रमण किया। अभीतक रैयतों को 550 करोड़ मुआवजा भुगतान हो चुका है। 89 मौजों में संबंधित विभाग को दखल-कब्जा दिला चुका है। इस पैकेज में कार्य की गति तेज है। लैलख एवं शंकरपुर कोटवार में मुआवजा भुगतान करने के बाद भी जमीन खाली नहीं किया गया है। ऐसे ही अर्जित भूमि के रैयत विकास यादव व अन्य द्वारा मृत पंचाट व आपसी विवाद को लेकर भुगतान की समस्या के बारे में डीएम को बताया गया।
जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को रैयतों को मुआवजा भुगतान में आ रही समस्या को मद्देनजर रखते हुए 16 दिसंबर को शंकरपुर, कोटवार में कैंप में सभी मामलों का निष्पादन करने का आदेश दिया गया। अवगत कराया गया कि कुछ रैयतों से भूमि को पूर्णरूप से भू-अर्जन की कार्रवाई में समाहित नहीं किया गया है, इसकी संख्या काफी कम है व छूटे हुए खेसरा के अर्जन की कार्रवाई को पूरा करते हुए जल्द से जल्द भुगतान कराने हेतु परियोजना निदेशक, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को निर्देशित किया गया। ऐसे ही NH-84 घोघा पंजवारा में निर्माण होनेवाले आरओबी से संबंध में 17 रैयतों के भुगतान से संबंधित कार्रवाई 16 दिसंबर को शंकरपुर में कैंप लगा कर करने का आदेश जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को दिया गया।
भुगतान के बाद एसडीओ को निर्देशित किया कि आरओबी से संबंधित संरचनाओं को हटायेंगे। मुंगेर-मिर्जाचौकी फोर लेन प्रोजेक्ट में सड़क बनाने में पैकेज 2, 3 व 4 में फ्लाई ऐश की कमी हो गयी है। और इसी के सम्बंध में NTPC के कार्यकारी निदेशक की उपस्थिति में महाप्रबंधक के साथ बैठक हुई। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के प्रोजेक्ट निदेशक, खनिज विकास पदाधिकारी, एसडीओ, एसडीपीओ, डीटीओ, पैकेज-तीन की एजेंसी मोंटे कार्लो के मुख्य परियोजना प्रबंधक नीरज बरूआ व पैकेज-चार की एजेंसी एपको के महाप्रबंधक विमल कृष्णपाल मौजूद थे। NTPC के महाप्रबंधक ने आश्वासन दिया कि टेंडर प्रक्रिया 15-20 दिनों में पूरी हो जायेगी।
फिर तेजी से चारों पैकेजों में फ्लाइ ऐश की आपूर्ति की जायेगी। पिछले भ्रमण के क्रम में डीएम ने कहलगांव प्रखंड परिसर में अवैध रूप से प्रखंड की भूमि पर निर्मित दुकान को जीविका को देने का आदेश दिया था। भ्रमण के दौरान यहां जीविका दीदियों द्वारा उक्त स्थल को ग्रामीण बाजार के रूप में दुकानों का संचालन होता पाया गया। बीते वर्ष अक्तूबर में जीविका दीदियों ने 1,50,000 एवं नवंबर में 2,00,000 रुपये के सामन की बिक्री की है। उसी जगह पर उपस्थित अन्य दुकानों में जीविका द्वारा चलाये जा रहे अन्य योजनाओं में उपयोग करने हेतु जिला परियोजना प्रबंधक को निर्देशित किया गया। इस दौरान उप विकास आयुक्त भी उपस्थित थे।