राजधानी पटना शहर के पूर्वी इलाके में पटना सिटी की ट्रैफिक व्यवस्था को सहज करने हेतु पटना साहिब स्टेशन से लेकर पटना घाट तक रेलवे लाइन को उखाड़ा जाना है और साथ ही वहाँ फाेरलेन सड़क का निर्माण किया जाना है। इसकव लेकर बीते जुलाई माह में ही निर्माण एजेंसी को काम आवंटित कर दिया गया है। किंतु 5 माह बीत जाने के बाद भी अभी तक वह जमीन रेलवे से राज्य सरकार को स्थानांतरित नहीं हो पाई है। आपको बता दें रेलवे द्वारा जमीन मिलने के बाद अटल पथ के जैसे ही इस हिस्से को भी फाेरलेन सड़क में डेवलप किया जाएगा।
मालूम हो कि अटल पथ भी रेलवे से ही जमीन लेकर बना है। पथ निर्माण विभाग के अफसरों ने बताया कि पटना साहिब स्टेशन से पटना घाट के बीच का हिस्सा और दानापुर स्टेशन के नजदीक की रेलवे की जमीन (दानापुर-बिहटा एलिवेटेड रोड के लिए) के बदले में बिहार सरकार हार्डिंग पार्क की जमीन रेलवे को हस्तांतरित कर रही है। फिलहाल इसके लिए भूमि की कीमत निर्धारित की जा रही है। बता दें कि इस प्रक्रिया को अगले एक महीने में पूरा होने की संभावना हैं। उसके बाद भूमि के हस्तांतरण होने के बाद ही निर्माण एजेंसी उस हिस्से का काम शुरू कर सकेगी।
बता दें कि फिलहाल एजेंसी द्वारा नुरूद्दीन घाट-धर्मशाला घाट तक 2.9 किमी एलिवेटेड सड़क निर्माण का काम शुरू किया गया है। इस हिस्से में 24 पिलर बनाये जाने है जिनमें अभी की 2 की पाइलिंग हो पाई है। लेकिन पटना साहिब स्टेशन से पटना घाट हिस्से में जमीन नहीं मिलने की वजह से काम अभी अटका पड़ा है। इस फाेरलेन सड़क का निर्माण हो जाने के बाद पूर्वी पटना के लोगों को काफी सहूलियत होगी। पटना के बड़े कारोबारी स्थल मारुफगंज में सामान लाने-ले जाने में व्यवसायियों को राहत मिलेगी। लोकनायक गंगा पथ-पटना साहिब स्टेशन जाना आसान हो जाएगा।
दरअसल इसी निर्माण एजेंसी को लोकनायक गंगा पथ के पटना सिटी इलाके के नुरूद्दीन घाट-धर्मशाला घाट के बीच 2.9 किमी एलिवेटेड सड़क का निर्माण, गंगा पथ दीदारगंज जंक्शन-कच्ची दरगाह-बिदुपुर सिक्स लेन ब्रिज के एप्रोच तक 750 मीटर फाेरलेन सड़क के निर्माण के साथ-साथ पटना साहिब स्टेशन-पटना घाट तक रेलवे की इस 550 मीटर लंबी जमीन पर फाेरलेन सड़क निर्माण की जिम्मेवारी मिली है। इन तीनों परियोजनाओं की लागत 495 करोड़ रुपये है। हालांकि जुलाई 2022 में ही एजेंसी को काम आवंटित हाे गया और फरवरी 2024 तक निर्माण पूरा कर देना है।