बिहार के लोगों में प्रतिभा की कमी नहीं है और इसका जीता जागता उदाहरण कई क्षेत्रों में अपना परचम लहरा कर दिया है। इसी कड़ी में सहरसा के कोहरा के बनगांव की बेटी ने नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए बड़ी उपलब्धि हासिल की है। काला पत्थर पिक और माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप पर तिरंगा फहराया। ऐसा करने वाली लक्ष्मी बिहार की एकमात्र बेटी हैं।
लक्ष्मी को यह कामयाबी 9 दिनों की लंबी चढ़ाई करने के बाद मिली है और इस कामयाबी से उसके जिले एवं राज्य के लोगों में खुशी का माहौल है। लक्ष्मी अब माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की कवायद में जुटी हुई है। बेहद निर्धन परिवार में पली-बढ़ी लक्ष्मी ने जो यह उपलब्धि हासिल की है, वह दूसरों के लिए मिसाल बन गई है। माता सरिता देवी ने दूसरे के घरों में काम करके अपने चारों बच्चों में सबसे छोटी बेटी लक्ष्मी को इस काबिल बनाया कि आज की तारीख में माउंट एवरेस्ट फतह करने की तैयारी में जुटी हुई है।
लक्ष्मी ने कहा कि नेपाल के थमदादा से उसने नौ नवंबर को चढ़ाई प्रारंभ की थी। 5550 मीटर काले पत्थर की चढ़ाई के पश्चात उन्होंने दूसरी ओर 5536 मीटर एवरेस्ट बेस कैंप के ऊपर चढ़ाई की। इसमें उसे नौ दिन का वक्त लगा। फिर वापस आने में तीन दिन का वक्त लगा। उन्होंने कहा कि एसआइएस कंपनी के डायरेक्टर रविंद्र किशोर सिंघा उसकी प्रेरणा का माध्यम है। उन्होंने ही उसे इस योग्य बनाया।
कंपनी के डायरेक्टर ने उसकी प्रतिभा देख उसका एडमिशन नेहरू इंस्टीट्यूट उत्तराखंड में कराया। जहां उसने एक साल तक इसकी पूरी प्रशिक्षण ली। लक्ष्मी ने प्रशिक्षण लेने के पश्चात छोटे- छोटे पर्वतों पर चढ़ाई करने के पश्चात उसे काला पत्थर ओर एवरेस्ट के लिए सलेक्शन किया गया। जिसे उसने सफलत तरीके से पूरा किया। लक्ष्मी ने कहा कि 2024 में वह माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की तैयारी में है।