बुधवार के दिन विभाग के एडिशनल सेक्रेटरी कौशल किशोर जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग के मिशन 60 डेज के टास्क का निरीक्षण करने पहुंचे। निरीक्षण के बाद एडिशनल सेक्रेटरी ने जानकारी दी कि राज्य सरकार की ओर से टर्शियरी कैंसर केयर सेंटर का निर्माण किया जाएगा। 60 बेड वाले अस्पताल के लिए नक्शा तैयार कर लिया गया है। इससे पूर्व इस अस्पताल के निर्माण की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की थी परंतु योजना खत्म होने की वजह से राज्य सरकार ने स्वयं निर्माण कराने का निर्णय लिया है।
एडिशनल सेक्रेटरी ने बताया कि जेएलएनएमसीएच में 10 बेड वाले कैंसर की टर्शियरी केयर यूनिट के लिए भी प्रयास किया जाएगा। यहां पर कैंसर मरीजों की कीमोथेरेपी और रेडियोलॉजी के साथ अन्य जांच की व्यवस्था की जायेगी। कैंसर के गंभीर मरीजों को इलाज के लिए होमी भाभा कैंसर अस्पताल मुजफ्फरपुर भेजा जायेगा। विगत पांच वर्षों से टर्शियरी कैंसर केयर सेंटर के निर्माण की प्रक्रिया जारी है। इसके लिए 45 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी।
इससे पूर्व एडिशनल सेक्रेटरी ने मायागंज अस्पताल में मरीजों को मिल रही सुविधा का जायजा लिया। वहीं एमबीबीएस और पीजी कोर्स के आवश्यक संसाधन की रिपोर्ट तैयार की। एडिशनल सेक्रेटरी ने मायागंज अस्पताल समेत बरारी रोड स्थित निर्माणाधीन सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल परिसर का भी जायजा लिया।
एडिशनल सेक्रेटरी की ओर से सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिया गया। जांच के पश्चात अस्पताल अधीक्षक डॉ असीम कुमार दास ने अस्पताल में मशीनों की कमी, बिल्डिंग का रिनोवेशन और छूटे विभागों में पीजी कोर्स से संबंधित रिपोर्ट तैयार होने की जानकारी दी। एडिशनल सेक्रेटरी के इस रिपोर्ट के राज्य सरकार अस्पताल के विकास से संबंधित आवश्यक निर्णय लेगी। सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में चल रहे काम की सराहना की। एडिशनल सेक्रेटरी ने कहा कि बिहार में अन्य जगहों पर बने रहे अस्पताल से यहां बेहतर काम हुआ है। मामले पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ उमाशंकर सिंह ने बताया कि सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में मेडिकल मशीनों का लगना शुरू हो गया है। दाे महीने के पश्चात अस्पताल शुरू हो सकता है।
एडिशनल सेक्रेटरी ने मायागंज अस्पताल परिसर में 100 बेड के फैब्रिकेटेड कोविड केयर अस्पताल के निर्माण को जल्द पूरा करने की बात कही। इस अस्पताल के निर्माण का काम काफी धीमा है। अधिकारी ने कहा कि अस्पताल परिसर में जीविका दीदी की रसोई खोलने को लेकर विचार किया गया। इसके लिए जगह ढूंढकर रसोई खोलने का निर्देश दिया गया।