बिहार फिल्म शूटिंग का केन्द्र बने, इसके लिए कई स्तरों पर कोशिश किये जा रहे हैं। प्रदेश सरकार नई फिल्म विकास एवं प्रमोशन पॉलिसी को अंतिम रूप में देने में लगी है। फिल्म सिटी राजगीर में बनायी जायेगी। इसके लिए भूमि अधिग्रहण किया गया है। इसके साथ ही नालंदा विवि, कैमूर के मुंडेश्वरी मंदिर, बांका के मंदार पर्वत और वाल्मीकिनगर के खूबसूरत डेस्टिनेशन को फिल्म शूटिंग हेतु विकसित करने का प्लान है। मुख्य तौर पर प्रदेश में बड़े पैमाने पर फिल्म शूटिंग को बढ़ावा देने का वातावरण और फिल्म प्रोडक्शन से जुड़े हुए अलग-अलग गतिविधियों का संपूर्ण विकास करने का प्लान है।
सिंगल विंडो सिस्टम का प्रावधान फिल्म शूटिंग के लिए ‘इज ऑफ डूइंग’ बिजनेस के अंतर्गत किया गया है। प्रदेश में फिल्म शूटिंग हो, इसके लिए निर्माता और निर्देशक को प्रेरित करने के लिए 20 नवंबर से कला, संस्कृति विभाग गोवा में आयोजित होने वाले फिल्म मार्केट में अपना प्रदर्शनी लगाने जा रहा है। इसमें बिहार की मौजूदगी को शानदार बनाने के लिए इस फील्ड में काम करने वाली प्रतिष्ठित एजेंसियों की सेवा ली जायेगी। एजेंसी सलेक्शन के लिए विभाग ने टेंडर आमंत्रित किया है।
बता दें कि निर्माता और निर्देशक फिल्म विकास निगम की पोर्टल पर तय फीस जमा करके अप्लाई कर सकते हैं। मूवी में काम करने वाले साइड आर्टिस्ट को इंपानलमेंट करने के साथ ही टैक्सी से लेकर अन्य सेवादाताएं सूचीबद्ध किये गये हैं। शूटिंग हेतु नेचर, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक से है। संबंधित जगहों की लिस्ट भी पोर्टल पर दी गयी है।
बिहार स्टेट फिल्म डेवलेपमेंट एंड फाइनेंस काॅरपोरेशन लिमिटेड की प्रबंध मैनेजर बंदना प्रेयषी ने राज्य के सभी डीएम को लेटर लिख कर जिले में मौजूद पर्यटन स्थल, उपलब्ध होटलों, महत्वपूर्ण गांव और खूबसूरत लैंड स्केप का ब्योरा मांगा है। जिला प्रशासन आदेश के आलोक में लिस्ट बना कर विभाग को भेजने लगा है।
कला, संस्कृति एवं युवा विभाग ने शूटिंग के लिहाज से बिहार में कई अच्छे जगह को चिह्नित किया है। इनमें नालंदा के नेचर सफारी, ऐतिहासिक स्थल और बांका में मंदार पर्वत, कैमूर क्षेत्र और रोहतास, शेरशाह सूरी का मकबरा, धुआं कुंड जलप्रपात, मुंडेश्वरी मंदिर, मंझार कुंड आदि हैं। वहीं पश्चिमी चंपारण में वाल्मीकिनगर बाघ अभ्यारण एक प्रमुख डिस्टिंक्शन है।