बिहार के सरकारी विद्यालयों में पढ़ रहे 48 लाख छात्र प्रदेश सरकार की कल्याणकारी तथा लाभुक योजनाओं से वंचित हो सकते हैं। यह वह बच्चे हैं, जिनकी मेरिट सॉफ्ट पोर्टल पर अपलोड नहीं हुई है। जानकारी के अनुसार कल्याणकारी एवं लाभुक आधारित योजनाओं की योग्यता के लिए 75 प्रतिशत उपस्थिति जरुरी है। इनके स्कूलों ने इनकी उपस्थिति को अभी तक जांच नहीं किया है। सूत्रों के अनुसार यह तैयारी 15 अक्तूबर तक पूर्ण हो जानी थी। मेधा सॉफ्ट पोर्टल पर इनकी उपस्थिति से संबंधित आंकड़ों के पुष्टि न हो पाने के चलते यह कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से 48 लाख बच्चे वंचित रह सकते हैं।
तीन नवंबर को हुई उच्च स्तरीय मीटिंग में यह जानकारी सामने आई है कि बिहार शिक्षा परियोजना से मिले यूडाइस पर सेशन 2021-2022 में वर्ग एक से 12वीं में तमाम सरकारी (अनुदानित संस्कृत तथा मदरसा सहित) विद्यालयों के रजिस्ट्रड छात्रों की संख्या 2.26 करोड़ है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए मेरिट सॉफ्ट पोर्टल पर केवल 1.88 करोड़ छात्रों की डाटा इंट्री हुई है। इस संबंध में डीबीटी कोषांग के विशेष सचिव मनोज कुमार ने आगामी चार दिन के भीतर नामांकित और रजिस्ट्रड छात्रों की डाटा इंट्री करने के निर्देश दिये हैं। हालांकि चार दिनों में तमाम बच्चों के डाटा का इंट्री होना तकरीबन नामुमकिन है।
जानकारी के अनुसार, डीबीटी के माध्यम से अलग-अलग कल्याणकारी योजनाओं के तहत राशि भेजी जानी है। कल्याणकारी योजनाओं में मुख्यमंत्री बालक और बालिका प्रोत्साहन स्कीम तथा छात्रवृत्ति स्कीम आदि शामिल हैं। जानकारी के अनुसार अब तक इस योजना के तहत राशि जारी हो जानी थी। हालांकि विभिन्न कारणों से यह राशि निर्गत नहीं हो पाई है। इससे पहले 30 अगस्त को तमाम जिला शिक्षा पदाधिकारियों को लेटर लिख कर कहा गया कि वह सभी छात्रों की उपस्थिति का आंकड़ा मेधा सॉफ्ट पोर्टल पर डाल दें।