बिहार में राम जानकी सड़क के पहले चरण के निर्माण को 15 दिनों में मंजूरी मिल जाएगी। सीवान से मशरख 46 किमी फोर लेन हाइवे का निर्माण करने वाली एजेंसी का चयन होगा और वर्क आर्डर जारी हो जाएगा। दो बड़ी सड़क निर्माण की कंपनियां मेधा इंजीनियरिंग तथा जीआर इंफ्रा इस रोड निर्माण के लिये निविदा में शामिल हुई हैं।
तकनीकी इवैल्यूएशन चल रहा है तथा 15 दिनों में चयनित एजेंसी को वर्क ऑर्डर जारी कर दिया जाएगा। 1431 करोड़ खर्च कर इस सड़क का निर्माण होना है। यह मार्ग रामजानकी मार्ग (एनएच-227ए) का हिस्सा है। बता दें कि सीवान से मशरख तक ये सड़क 6 अंचलों गोरियाकोठी, महाराजगंज, पचरुखी, बसंतपुर, मशरख और भगवानपुर हाट के 50 गांवों से गुजर रही है।
राम-जानकी मार्ग यूपी एवं के रास्ते होकर नेपाल के जनकपुर तक जा रही है। भारत सरकार बीआरटी (पिछड़े इलाके/धार्मिक/पर्यटन स्थल) योजना के अंतर्गत इस महत्वपूर्ण हाइवे का निर्माण कर रही है। निर्माण का जिम्मा एनएचआई को सौंपा गया है। राम जानकी मार्ग (अयोध्या से जनकपुर मार्ग) का लगभग 237 किमी हाइवे बिहार से होकर गुजरना है। इसमें यूपी के मेहरौना घाट से सीवान तक लगभग 40 किमी, सीवान से मशरख तक 46 किमी, मशरख से चकिया के बीच लगभग 48 किमी और चकिया से भिट्ठामोड़ (नेपाल सीमा) तक करीब 103 किमी लंबी फोरलेन सड़क का निर्माण होना है।
रामजानकी मार्ग के सीवान से मशरख में 29 किमी नये एलाइनमेंट पर फोर लेन हाइवे का निर्माण जारी है। वहीं 17 किमी पुराने स्टेट हाइवे को फोर लेन में परिवर्तित किया जाएगा। 29 किमी नये एलाइनमेंट में सड़क निर्माण की नौबत आयी है क्योंकि फिलहाल दो लेन स्टेट हाइवे चार स्थानों पर बीच बाजार से होकर गुजर रहा है जहां सड़क चौड़ीकरण के लिये भूमि नहीं है।
इसमें सीवान से सटे सीवान बाईपास 4.63 किमी, बसंतपुर बाईपास 14.66 किलोमीटर, मशरख बायपास 2.29 किलोमीटर और तरवारा बाईपास 7.38 किमी नये एलाइनमेंट पर फोर लेन हाइवे का निर्माण होना है। मलमलिया बाजार से पास में एक रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण होगा।