बिहार के लोगों के लिए आमदनी का मुख्य स्रोत कृषि है। काफी हद तक यहां की अर्थव्यवस्था खेती-किसानी पर आश्रित है। यही कारण है कि हाल के दिनों में बिहार कृषि विभाग ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कई फसलों पर अनुदान देनी शुरू की है। इसी क्रम में राज्य सरकार किसानों को अमरूद की खेती करने पर 60 फीसदी तक का सब्सिडी दे रही है।
अमरूद की खेती पर बिहार सरकार बेहतरीन मौका दे रही है। एकीकृत बागवानी विकास मिशन स्कीम के तहत एक हेक्टेयर में अमरुद की खेती पर सरकार किसानों को 60 फीसदी तक की अनुदान दे रही है। इस अनुदान का लाभ लेने के लिए प्रदेश के किसान horticulture.bihar.gov.in पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं। ज्यादा जानकारी के लिए अपने जिले के सहायक निदेशक उद्यान से मिल सकते हैं।
बागवानी विभाग के अनुसार एक हेक्टेयर में अमरूद की खेती करने पर किसानों को लगभग एक लाख रुपये की लागत आती है। 60 फीसदी के हिसाब से किसानों को अनुदान के रूप में 60 हजार रुपये दी जाएगी।
बता दें कि अमरूद की खेती सख्त तरह की फसल है और हर तरह की मिट्टी इसकी पैदावार के लिए अनुकूल है। हल्की से लेकर कम निकास और भारी वाली मिट्टी इसकी खेती के लिए बेहद अधिक उपयुक्त हैं। इसकी पैदावार 6.5 से 7.5 पीएच की मिट्टी में भी हो सकती है। इसकी खेती सितंबर से अक्टूबर और फरवरी से मार्च में हो सकती है। बिजाई के दो-तीन साल बाद अमरूद के पेड़ों से फल आने शुरू हो जाते हैं।