फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया 9236 करोड़ रुपए खर्च कर देश के 12 प्रांतों में 249 जगहों पर स्टील से निर्मित आधुनिक साइलो के निर्माण की रणनीति बनाई है। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप में हब एंड स्पोक मॉडल के अंतर्गत इसका निर्माण किया जाएगा। इनकी कुल भंडारण कैपिसिटी 111.125 लाख मीट्रिक टन होगी। खेतों के नजदीक ही इन साइलो का निर्माण किया जाएगा जिससे इन तक अपना अनाज लाने में किसान को दिक्कत न हो और उसे समय की भी बचत हो।
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कहा कि अगले तीन-चार सालों में इन साइलो का निर्माण तीन चरणों में होगा। हब एंड स्पोक मॉडल के पहले फेज में, एफसीआई के द्वारा 80 जगहों पर 34.875 एलएमटी कैपिसिटी के साइलो का निर्माण होगा। इसमें 14 जगहों पर 10.125 एलएमटी साइलो का निर्माण डिजाइन, बिल्ड, फंड, ओन एंड ट्रांसफर मोड के अंतर्गत होगा। वहीं, टोटल 24.75 एलएमटी कैपिसिटी वाले 66 साइलो का निर्माण डिजाइन, बिल्ड, फंड, ओन एंड ऑपरेट मोड के तहत होगा।
पहले फेज में देश के 9 प्रदेशों और 1 केंद्र शासित राज्य में 80 जगहों पर साइलो का निर्माण होगा। पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, बिहार, जम्मू और कश्मीर और पश्चिम बंगाल में बनने वाले इन साइलो पर 2,800 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि खर्च होगी। इनका निर्माण नीति आयोग, राज्य सरकारों, रेल मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, इस्पात मंत्रालय से सलाह के बाद किया जा रहा है।
बल्क हैंडलिंग सुविधाओं से युक्त आधुनिक साइलो खाद्यान्नों के भंडारण का एक साइंटिफिक ढंग है और खाद्यान्नों के अच्छे संरक्षण को सुनिश्चित करना है। खेतों के नजदीक बने आधुनिक साइलो खरीद केंद्र के तौर पर काम करेंगे। खेतों के नजदीक होने से साइलो तक किसानों को अपनी फसल लाने में कम समय लगेगा एवं उनका खर्च कम होगा।
बता दें कि साइलो 24 घंटे काम करने में सामर्थ्य होंगे। यहां खेतीहर की फसल की तुलाई में कम वक्त लगेगा। आधुनिक स्टील साइलो के बनाने हेतु पारंपरिक भंडारण गोदामों के मुकाबले बहुत कम जमीन की जरूरत होती है। डीबीएफओओ मोड के अंतर्गत 31 अक्टूबर, 2022 को निविदा खोली जानी है। वहीं, 10.08.2022 को डीबीएफओटी मोड के लिए टेंडर खोली जा चुकी है।