बिहार में एससी-एसटी और अति पिछड़ा वर्ग के साथ ही सवर्ण एवं पिछड़ा वर्ग के भूमिहीनों को सरकार जमीन देने की तैयारी में है। मौजूदा व्यवस्था के तहत किसी भी तबके के निर्धन भूमियों को सरकार की ओर से जमीन देने का प्रावधान है। लेकिन सरकार के द्वारा 5 डिसमिल जमीन देने का नियम केवल एससी/एसटी और ईबीसी तबके के लिए लागू है। अब सभी तबके के भूमिहीनों के लिए यह प्रावधान लागू होगा। इससे जुड़े मसौदा को अंतिम रूप देने की तैयारी में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग तेजी से जुट गया है। कैबिनेट की ओर से हरी झंडी मिलते ही पूरे राज्य में नई व्यवस्था लागू हो जाएगी।
फिलहाल, सरकार के पास ऐसा कोई आंकड़ा नहीं है, जिससे यह मालूम हो सके कि यह सामान्य या दूसरे वर्ग में भूमिहीनों लोगों की कितनी संख्या है। इस नियम के लागू होने के बाद से इससे जुड़े कई आकलन विभागीय स्तर पर तैयार होगा।
दूसरे राज्यों में सरकार के द्वारा भूमिहीनों को जमीन देने की तैयारी है, लेकिन यह किस तबके के लोगों को मिलेगा और किस तबके को नहीं, इसका स्पष्टीकरण अभी नहीं हो सका है। इस बाबत विभिन्न राज्यों में अलग-अलग व्यवस्था सरकार ने बनाई है। जानकारी के मुताबिक किसी भी वर्ग या सभी वर्ग के भूमिहीनों को भूमि खरीद कर सरकार के द्वारा देने की व्यवस्था अब तक कहीं भी संभव नहीं हो पाया है।
मौजूदा व्यवस्था के तर्ज पर भूमिहीनों को 5 डिसमिल भूमि वितरण की व्यवस्था होगी। एससी और एसटी तबके पर भूमिहीनों को अनुमंडल पदाधिकारी के स्तर पर भूमि का वितरण किया जाता है, जबकि ईवीसी श्रेणी के भूमिहीनों को जिलाधिकारी के अवसर पर भूमि का वितरण किया जाएगा। दूसरे सभी तबके के भूमिहीनों को डीएम के स्तर से ही जमीन का वितरण होगा। मौजूदा व्यवस्था के तर्ज पर कैंप लगाकर विभाग के मंत्री के द्वारा भूमिहीनों के बीच भूमि का परिचय वितरण करने का नियम होगा। तमाम पहलुओं को पूरी तरह से सत्यापन होने के बाद ही भूमि का आवंटन होगा।
बिहार विधानसभा में कई सत्रों के दौरान इस मुद्दे को जनप्रतिनिधि उठा चुके थे। सभी तबके के भूमिहीनों को 5 डिसमिल भूमि सरकार के द्वारा खरीद कर देने के प्रस्ताव पर विभिन्न राजनीतिक दल के नेताओं के साथ ही विभाग के मंत्री चर्चा करेंगे। जिससे इस व्यवस्था को प्रभावी तरीके से लागू किया जा सके और जो वास्तविक में भूमिहीन हैं, उन्हें इसका लाभ मिल सके। इस स्कीम के शुरू हो जाने के बाद इसमें किसी प्रकार के गलती की संभावना ना के बराबर है।
बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय इस संबंध में कहते हैं कि भूमिहीनों को सरकार के द्वारा एससी-एसटी के तर्ज पर स्वर्ण सहित दूसरे तबके के लोगों को 5 डिसमिल जमीन खरीद कर देने की कवायद चल रही है। इसे लेकर विभाग में अंतिम दौर में चर्चा चल रहा है। इस पर सरकारी स्तर से जल्द ही अंतिम फैसला लेने के बाद प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा।