बिहार में एकमात्र सड़क परियोजना राष्ट्रीय राजमार्ग-82 का निर्माण इसी साल के आखिर तक जापान सरकार की एजेंसी जापान इंटरनेशनल कारपोरेशन (जाइका) के कर्ज से पूरा होने की उम्मीद है। यह परियोजना पिछले पांच-छह सालों से बन रहा है। एनएच22 का निर्माण बिहार राज्य पथ विकास निगम की देखरेख में चल रहा है। इस परियोजना में कुल 2138.16 करोड़ की राशि खर्च हो रही है। जमीन अधिग्रहण में 800 करोड़ की राशि खर्च हुई है।
सड़क की कुल लंबाई 92.93 किलोमीटर है। एलाइनमेंट के तहत अब पांच स्थानों पर बाईपास बनाने की योजना है। जिन जगहों पर बाईपास बनना है, उनमें हिसुआ, नारदीगंज, तुंगी और वजीरगंज शामिल है। बाईपास का निर्माण गया में अभी शेष है। इसके लिए अभी भी 4-5 मकानों को तोड़ा जाना है। बाकी दो जगह पर रेव ओवरब्रिज बनाया जाना है। रेलवे से हरी झंडी मिलने के बाद इस पर काम शुरू होगा।
बौद्ध सर्किट के दृष्टिकोण से यह सड़क काफी महत्वपूर्ण है। गया से राजगीर और नालंदा को यह रोड जोड़ रही है। बोधगया से पर्यटक गया कि रास्ते हिसुआ-राजगीर-नालंदा और बिहारशरीफ पहुंचेंगेे। चार लेन में बनने वाली इस सड़क से बोधगया से राजगीर और नालंदा जाने-आने वाले पर्यटकों को सुलभता होगी और सीधे संपर्कता तीन चार जिलों को मिलेगी।
सड़क निर्माण में जुड़े अधिकारियों की मानें तो भविष्य में यह सड़क नेशनल हाईवे के रिंग रोड के रूप में काम करेगी। पहले से ही पटना से बख्तियारपुर सड़क फोरलेन है। बख्तियारपुर से बिहार शरीफ के रास्ते रजौली तक चार लेन सड़क का निर्माण चल रहा है। बिहार शरीफ तक पटना से आने के लिए पर्यटक इस सड़क से सफर कर सकेंगे। बोध गया से पटना जाने के लिए लोगों को डोभी-गया-पटना फोर लेन सड़क का ऑप्शन अवेलेबल होगा। यह राष्ट्रीय उच्च पथ को रिंग रोड का रूप दे रहा है।