सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया को सरकार ने आधिकारिक तौर पर टाटा समूह को सौंप दिया है। अब से एयरलाइन का पूरा मैनेजमेंट और कंट्रोल की जिम्मेदारी टाटा ग्रुप के पास हो गई है। ऑफीशियली तौर पर एयर इंडिया को टाटा ग्रुप को सौंपे जाने से टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट की।
निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव तुहिन कांत पांडे ने कहा है कि औपचारिकताएं पूर्ण हो चुकी है। इंडिया की रिइन्वेस्ट प्रोसेस पूरी हो चुकी है। एयर इंडिया का नया मालिक टाइल्स प्राइवेट लिमिटेड (Talace Pvt Ltd) है जिसे शेयर्स स्थानांतरित कर दिया गया है।
टाटा ग्रुप को एयर इंडिया सौंपे जाने के बाद चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि एयर इंडिया की टाटा में वापसी पाकर बेहद प्रसन्न हैं और इस ए वर्ल्ड क्लास एयरलाइन बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इंडिया के सभी कर्मचारियों का मैं गर्मजोशी से स्वागत करता हूं।
बता दें कि एयर इंडिया लंबे समय से घाटे में चल रही थी। सरकार ने कर्ज का बोझ कम करने के लिए बोली लगाई थी। नीलामी में टाटा समूह ने 18000 करोड़ की बोली लगाकर एयर इंडिया को अपने नाम कर लिया था। गत 8 अक्टूबर को टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टैलेस प्राइवेट लिमिटेड को बेच दिया था
कर्ज में डूबी एयर इंडिया को फिर पटरी पर लाने के लिए टाटा समूह ने कई योजना तैयार किए हैं। ऑनटाइम परफॉर्मेंस यानी फ्लाइट के दरवाजे उड़ान से 10 मिनट पूर्व ही बंद हो जाएंगे। निर्धारित समय पर विमानों की उड़ान पर पूरा फोकस किया जाएगा। इसके साथ ही यात्रियों को दी जाने वाली सर्विस में भी बढ़ोतरी की जाएगी।
बता दें कि जेआरडी टाटा ने 1932 में एयर इंडिया को सबसे पहले टाटा एयरलाइंस के नाम से लांच किया था। 1946 में इसका नाम बदलकर एयर इंडिया रख दिया गया। सरकार ने 1954 में एयर इंडिया को खरीद कर उसका राष्ट्रीयकरण कर दिया। सभी कंपनियों का मर्ज कर दो कंपनियों में बांट दिया गया। विदेश सेवा के लिए एयर इंडिया और घरेलू उड़ान के लिए इंडियन एयरलाइंस कर दिया गया। आजादी के दौरान देश में 9 छोटी-बड़ी एयरलाइन कंपनियां थी।