खुद को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से खुद पूछे बता तेरी रजा क्या है” इसी को साबित किया है, हरियाणा के आईपीएस अधिकारी विजय वर्धन ने। विजय वर्धन की कहानी उतार चढ़ाव से भरा रहा है। 35 बार सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं में असफल होने के बाद विजय आईपीएस अधिकारी बनें।
मूलत: हरियाणा के सिरसा के विजय वर्धन अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव से करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए हिसार चले गए। हिसार में ही विजय ने 2013 में इलेक्ट्रॉनिक्स में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। फिर UPSC सिविल सेवा की तैयारियों के लिए दिल्ली चले गए।
विजय UPSC की तैयारियां करते रहें। इस दौरान उन्होंने सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं में भी अपना किस्मत आजमाया। हरियाणा और पंजाब के कई बैंकिंग और सीजीएल समेत कई एग्जाम दिए लेकिन यहां भी विजय को असफलता ही हाथ लगीं।
विजय हमेशा काफी कम अंक से परीक्षा में पीछे रह जाते थे। अगर परीक्षा में पास भी हो जाते तो कभी मेडिकल स्टैंडर्ड तो कभी डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के कारण विजय का चयन नही हो पाया था। ऐसे प्रतिकूल परिस्थितियों में भी विजय ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपनी तैयारियों में लगे रहे।
बता दें कि विजय ने यूपीएससी का एग्जाम भी 5 वीं प्रयास में पास किया। 35 बार असफल होने के बाद उन्होंने यूपीएससी सिविल सर्विस का एग्जाम 104 वीं रैंक के साथ क्लियर किया और बन गए एक प्रेरणा के स्रोत।