सुप्रीम कोर्ट के द्वारा बिहार में बड़ी तादाद में फर्जी फार्मासिस्टों को लेकर उठाए गए प्रश्न को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य विभाग में व्यापक स्तर पर परबहाली प्रक्रिया को मुहर लगा दी है। सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में 1539 फर्स्ट के पदों पर बहाली का विज्ञापन दिसंबर महीने में जारी किया जाएगा। बिहार तकनीकी सेवा आयोग के द्वारा यह विज्ञापन जारी होगा और संभावना है कि अप्रैल 2023 के पूर्व तमाम रिक्त पदों को भर दिया जाएगा। प्रदेश में फार्मासिस्ट के मूल श्रेणी के टोटल 2488 पद हैं, जिसमें 1539 पद खाली है।
बिहार में फार्मासिस्ट की बहाली के लिए 1999 में विज्ञापन जारी हुआ था और इसके आधार पर 2014 के आखिर में 475 पदों पर बहाली हुई थी। पिछले 18 सालों के दौरान प्रदेश में एक भी फार्मासिस्ट के पदों पर बहाली नहीं हुई है। बता दें कि राष्ट्रीय मिशन स्वास्थ्य मिशन की 2020-21 की रिपोर्ट में फार्मासिस्ट की कमी के आंकड़े जारी किए गए हैं। इसके मुताबिक प्रदेश के ग्रामीण इलाके में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में टोटल 4126 पद मंजूर किए गए हैं, जिनमें 1077 पदों पर फार्मासिस्ट है और बाकी पद रिक्त हैं।
वर्तमान समय में फार्मेसी काउंसिल के चुनाव में रजिस्टर्ड फार्मासिस्टों की संख्या 7747 है। नियम है कि दवाओं के उत्पादन, वितरण और भंडारण का काम फार्मासिस्टों के द्वारा किया जायेगा। ऐसे में प्रदेश में बड़ी तादाद में फार्मासिस्टों की कमी है। उधर सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि प्रदेश में निबंधित फार्मासिस्ट नहीं हैं। अगर कोई रजिस्ट्रड है तो वह फर्जी है। इसको लेकर पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई में तीन सदस्यीय टीम इसकी देखरेख भी कर रही है।