टोक्यो पैरालंपिक में आज हुई निशानेबाजी प्रतियोगिता में राजस्थान की जयपुर की अवनि लेखरा ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। इसी के साथ अवनि गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई है। आज पूरा देश अवनि पर गर्व कर रहा है। यहां तक का सफर आसान नहीं था, महज 11 साल की उम्र में कार एक्सीडेंट में अवनि की रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। आज 19 साल की उम्र ने स्वर्ण पदक जीतकर नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। आइए अवनि के संघर्षों की कहानी से रूबरू होते हैं।
टोक्यो पैरालंपिक में आज हुई निशानेबाजी प्रतियोगिता में 19 वर्षीय अवनि ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 249.6 बनाकर चीन की झांग कुइपिंग को मात देकर, वर्ल्ड रिकॉर्ड की बराबरी भी कर ली। बता दें कि निशानेबाजी प्रतियोगिता में देश का पहला पदक है, साथ ही टोक्यो पैरालंपिक में देश का पहला गोल्ड मेडल भी है। इसी के साथ अवनि गोल्ड मैडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई है।
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जब 11 साल की उम्र में अवनि कार एक्सीडेंट का शिकार हो गई थी। रीढ़ की हड्डी भी टूट गई थी। अवनि व्हिलचेयर पर आ गई थी। यह वक्त काफी मुश्किलों से भरा था। परिवार ने हिम्मत बढ़ाया, अवनि पढ़ाई पर फोकस करने लगी। और साथ ही खेलो में रुचि होने के चलते तीरंदाजी और निशानेबाजी में अपना हाथ आजमाया। निशानेबाजी में ज्यादा रुचि के चलते उन्होंने इसी में अपने भविष्य संवारने की कवायद शुरू कर दी।
अवनि गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा को अपना रोल मॉडल मानती है। अभिनव बिंद्रा की बयोग्राफी और उनके खेल से सीखते हुए निशानेबाजी में अपना जलवा दिखाने लगी। अभिनव बिंद्रा ने इस अवसर पर अवनि को शुभकामनाएँ देते हुए लिखा है– ‘गोल्ड है.. भारत को निशानेबाजी में पहला पैरालंपिक स्वर्ण पदक दिलाने के लिए अवनि लेखरा का शानदार प्रदर्शन.. बेहद गर्व इतिहास में नाम दर्ज करने के लिए बधाई।’
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बता दे कि अवनि ने लॉ की पढ़ाई की है। साल 2017 में भारत के तरफ से यूएई वर्ल्ड कप में डेब्यू किया था। अवनि अब तक 5 गोल्ड मेडल जीत चुकी है, नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में उन्होंने ये कारनामा किया है। आज अवनि पर पुरा देश गर्व करता है।