बौद्ध सर्किट से जुड़े पर्यटन स्थलों तक देश और विदेश के सैलानियों के पहुंचने की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सरकार हवाई मार्ग से जोड़ने जा रही है। राज्य के वैशाली को उड़ान सेवा के तहत हेलीकॉप्टर सेवा से जोड़ने की कवायद तेज हो गई है। गया एयरपोर्ट का भी विस्तार किया जाएगा। पर्यटन मंत्रालय के पहल पर आर्थिक और तकनीकी तौर पर एशियन डेवलपमेंट बैंक सहयोग करेगा। बता दें कि उड़ान सेवा के तहत बिहार के वैशाली, पटना, गया, राजगीर एवं बोधगया के साथ ही यूपी के बनारस और कुशीनगर को जोड़ने की योजना है।
एशिया डेवलपमेंट बैंक के सुझाव एवं उसकी कार्य योजना को ध्यान में रखते हुए 13 जनवरी को राज्य सरकार के कई विभागों, एजेंसियों एवं संबंधित जिलों के डीएम को विकास आयुक्त विचार विमर्श कर चुके हैं। एक और बैठक के बाद केंद्र सरकार को इसका प्रस्ताव भेजा जाएगा। बता दें कि यह सरकार के रिवाइवल आफ इंडिया एज ए ग्लोबल सेंटर आफ बुद्धिस्ट कल्चर एंड टूरिज्म एजेंडे का हिस्सा है।
एशिया डेवलपमेंट के कंट्री डायरेक्टर ने मुख्य सचिव से बैठक आयोजित करने का निवेदन किया है। वैशाली, पटना, गया व नालंदा जिला के साथ ही मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण और भागलपुर के डीएम इस बैठक का हिस्सा होंगे। वैशाली के डीएम उल्टा सिंह ने जानकारी दी कि बौद्ध सर्किट में शामिल रहने से यहां राष्ट्रीय स्तर के हेलीपैड एवं अन्य निर्माण पर विचार विमर्श हुआ।
भगवान बुद्ध की कर्मस्थली और उनके अस्थि अवशेष प्राप्ति स्थल वैशाली में लगभग 550 करोड़ खर्च कर राष्ट्रीय बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय बनाया जा रहा है। जिला प्रशासन ने इसके लिए 72 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया है। नेशनल लेवल पर निर्माणाधीन संग्रहालय में भगवान बुद्ध का अस्थि कलश आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके साथ ही उनसे जुड़ी अनेक पुरानी वस्तुएं भी संग्रह कर रखी जाएंगी। आडिटोरियम और ध्यान केंद्र के साथ ही समृद्ध संग्रहालय में पुरातात्विक उत्खनन से प्राप्त वस्तुओं को भी प्रदर्शित किए जाने की योजना है।