जल्द ही बिहार के दो शहर राजगीर और बोधगया के साथ ही राजधानी पटना के कुछ इलाकों में हरित बिजली की आपूर्ति की जाएगी। इन शहरों में परंपरागत ताप विद्युत उपकरणों की बजाय सौर संयंत्रों से उत्पादित विद्युत की आपूर्ति की जायेगी।
इसके लिए भारत सरकार के उपक्रम सोलर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया से बिजली कंपनी ने 25 सालों तक 480 मेगावाट बिजली की खरीद के लिए समझौता किया है। इसमें 150 मेगावाट सोलर बिजली जीआरटी ज्वेलर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, जबकि बाकी के 330 मेगावाट बिजली का उत्पादन एसबीइ रिन्युअल सिक्सटीन प्राइवेट लिमिटेड करेगी।
ऊर्जा विभाग की मानें तो प्रदेश में वर्तमान अलग-अलग सोलर प्लांटों के जरिए 128 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। इसके साथ ही बिहार को सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया से 610 मेगावाट सौर ऊर्जा की आपूर्ति की जा रही है। 200 मेगावाट ग्रिड कनेक्टेड ग्राउंड माउंटेड सोलर पावर प्लांट की स्थापना विचाराधीन है।
मुख्यमंत्री नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा योजना के अंतर्गत राज्य के अलग-अलग जिलों में टोटल 7.2 मेगावाट के ऑफग्रिड रूफटॉप सोलर पावर प्लांट की स्थापना की जा चुकी है, जबकि आठ जिलों के शिक्षा विभाग के इमारतों की छत पर टोटल 134 किलोवाट एवं गया में सरकारी भवनों के ऊपर 197 किलोवाट ऑफग्रिड हाइब्रिड रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने का काम जारी है। प्रदेश के चीनी मिलों के बगासे बेस्ड को-जेनेरेटिंग यूनिट से तकरीबन 100 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रही है।
समझौता के अनुसार कंपनियां सूर्यास्त के बाद और अगले दिन सूर्यास्त के पहले तक सौर संयंत्रों से उत्पादित बिजली की आपूर्ति करेगी। इसके लिए सौर ऊर्जा से संचालित पंप स्टोरेज प्लांटों से मदद ली जाएगी। बिजली कंपनी के अधिकारी बताते हैं कि इस व्यवस्था से बिहार देश का पहला राज्य बनेगा। जहां दो मुख्य शहरों को 24 घंटे हरित ऊर्जा की आपूर्ति होगी।