सुल्तानगंज से अगवानी के बीच बन रहे फोरलेन गंगा पुल के निर्माण में बार-बार आ रही समस्या और गतिरोध को खत्म कर लिया गया है। किसानों को मना कर निर्माण कार्य को मंजूरी दे दी गई है। किसान संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों के साथ बंद कमरे में सदर एसडीएम धनंजय कुमार, डीएसपी ला एंड आर्डर डाक्टर गौरव कुमार, सहायक एसडीएम अन्नू कुमारी सीओ शंभू शरण राय,सर्किल इंस्पेक्टर रतनलाल ठाकुर ने प्रोजेक्ट कार्यालय में बातचीत की।
किसानों के साथ चली लंबी बातचीत में कई मसलों पर विचार विमर्श हुआ। लंबी बातचीत के बाद पदाधिकारी और किसान बाहर निकले और पैदा की निर्माण स्थल पर निकल पड़े। निर्माण स्थल पर पहुंचने के पश्चात पदाधिकारी और रजत किसानों ने मीडिया कर्मियों को संबोधित किया। सदर एसडीएम ने कहा कि बैठक के बाद किसानों को मना लिया गया है। अब पुल निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। तेजी से अंडरपास और एप्रोच पथ का काम किया जाएगा। निर्धारित समय सीमा के अंदर ही निर्माण कार्य पूरा कराने की योजना है।
मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा कि जिला पदाधिकारी भी इस मसले को लेकर अपना रुख अख्तियार कर चुके हैं। मौजूदा समय में किसानों के साथ बैठक के बाद निर्माण कार्य चालू करवा दिया गया है। इसी बीच सदर एसडीएम और रैयत किसानों की एक टीम लारा कोर्ट जाएगी। उन्होंने बताया कि किसानों को साथ लेकर विकास का काम करना है। कई दौर की बैठकों के बाद भी किसानों के मन में जो संदेह था उसे अब दूर कर लिया गया है।
रैयत किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष मोहम्मद सिराज ने कहा कि हम लोग न्याय संगत मुआवजा राशि की मांग को लेकर टिके हुए थे। न्याय हमें कोर्ट में ही मिलेगा इसलिए हम लोग कोर्ट के भरोसे ही हैं। सदर एसडीएम ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। वरीय पदाधिकारियों के साथ चलकर कोर्ट को शुरू कराया जाएगा ताकि किसानों को न्याय मिल सके। यदि कोर्ट 10 जनवरी तक चालू हो कर फैसला नहीं लेता है तो किसान एक बार फिर धरने पर बैठेंगे।
बता दें कि 2022 के जुलाई महीने तक सुल्तानगंज और अगवानी के बीच फोरलेन गंगा पुल का निर्माण पूरा करना है। गत 12 दिसंबर को डीएम सुब्रत कुमार सेन ने वरिय पुलिस पदाधिकारी नताशा गुड़िया समेत आला अधिकारियों के साथ में आकर पुल निर्माण कर रहे एजेंसी को साफ तौर पर निर्देश दिया था कि हर हाल में निर्धारित समय जुलाई तक कार्य पूरा हो जाना चाहिए। गौरतलब हो कि इससे पहले भी कई बार डेटलाइन को बढ़ाया जा चुका है। नोट: इस आर्टिकल में सारे प्रतीकात्मक चित्रों का प्रयोग किया गया है।