अब तक डेवलपमेंट की दौड़ में पिछड़ रहे देश के पूर्वी भाग के हेतु सेंट्रल गवर्नमेंट ईस्ट इंडिया में एक बड़े और उच्चाभिलाषी परियोजना की आरंभ होने जा रहे जो देश के 3 बड़े राज्यों को आपस में कनेक्ट करेगी। सिलीगुड़ी-गोरखपुर के मध्य ग्रीनफील्ड सिलीगुड़ी गोरखपुर एक्सप्रेस-वे को बनवाया जायेगा। इसका कार्य आरंभ हो गया है।
इस उपलक्ष्य में NHAI पूर्णिया के प्रोजेक्ट निर्देशक अरविंद कुमार द्वारा बताया गया कि एक्सप्रेस वे को बनवाने की अनुमति मिल चुकी है। DPR तैयार हो रही भोपाल की एजेंसी को ड्रोन सर्विस के हेतु कहा गया है। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही जमीन अभीग्रहण का प्रोसेस आरंभ हो जाएगा। कहते चलें कि इस एक्सप्रेस वे की टोटल लंबाई 519 किमी है।
सिलीगुड़ी-गोरखपुर एक्सप्रेस-वे की टोटल प्रपोज़्ड, लंबाई तकरीबन 519 किमी है, उसमे 84 किमी भाग उत्तर प्रदेश में उपस्थिति रहेगा ये गोरखपुर से आरंभ होकर देवरिया व कुशीनगर जनपद को कनेक्ट करते हुए बिहार में एंटर करेगा। कहते चले सिलीगुड़ी से गोरखपुर के मध्य दूरी तकरीबन 637 किमी है परंतु ये दूरी राष्ट्रीय राजमार्ग की है, जो कई जिलों की आबादी के मध्य से गुजरता है। परंतु इस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे की विशेषता ये है कि ये आबादी से नहीं गुजरेगा, हालाकि अधिकतर ये एक्सप्रेसवे डायरेक्ट ही होगा। इसी वजह से इसकी लंबाई कम हो जाती है।
सिलीगुड़ी-गोरखपुर एक्सप्रेस वे बिहार के दर्जन भर जिलों से होकर गुजरेगा। पहले उसमे गोपालगंज, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया एवं किशनगंज को सम्मिलित करने का प्लान था परंतु हाल ही में में सहरसा तथा मधेपुरा को कनेक्ट करने की चर्चा काफी है, इस एक्सप्रेसवे से उत्तर प्रदेश, बिहार एवं पश्चिम बंगाल को मध्य से बेहतर जोड़ सकेगी। उससे 6 और 8 लेन होंगे तथा एक्सप्रेस-वे का पूरा भाग ग्रीनफील्ड होगा।
आरंभिक रिपोर्ट के मुताबिक 70 मीटर चौड़े उस एक्सप्रेस-वे के हेतु बिहार में 2,731 हेक्टेयर जमीन का अभीग्रहण करवाया जाएगा। उस पर 25,162 करोड़ खर्च होने की संभावना है। 25 किलोमीटर पूर्वी चंपारण, 73 किलोमीटर पश्चिम चंपारण में , शिवहर में 16 किलोमीटर, सीतामढ़ी में 42 किलोमीटर, मुधबनी में 95 किलोमीटर, सुपैल में 32 किलोमीटर, अररिया में 49 किलोमीटर एवं किशनगंज से 63 किलोमीटर अभीग्रहण का अनुमान है।
NHAI द्वारा किशनगंज डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन को गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे के किलोमीटर 411 व 400 से किलोमीटर 500 व 600 तक के उत्थापन कार्य हेतु सडक में प्रभावित जिन गांवों की लिस्ट NH एक्ट 1956 के अंतर्गत 3A में सम्मिलित करने के हेतु सौंपा गया है, उसके मुताबिक़ किशनगंज जिले में 3 अंचलों की जमीन अभिग्रहण होगी। टेढ़ागाछ, अंचल से यह सड़क जिले में एंटर करेगी वही बहादुरगंज ठाकुरगंज होते हुए बंगाल में प्रवेश कर जायेगी।
उस सिलीगुड़ी गोरखपुर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की विशेषता ये है कि ये सिर्फ 6 घंटे में लोग सिलीगुड़ी से गोरखपुर पहुंच जाएंगे। यहां से गोरखपुर-आजमगढ़ लिंक एक्सप्रेसवे एवं वहां से डायरेक्ट पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे तथा यमुना एक्सप्रेसवे होते हुए दिल्ली पहुंच पाएंगे। फिलहाल में सिलीगुड़ी से गोरखपुर के हेतु 4 लेन NH-27 है, परंतु इस पर वाहनों के आवा गमन का दबाव ज्यादा होने से तेज गति से चलना पॉसिबल नहीं है। ऐसे में गोरखपुर से सिलीगुड़ी जाने में तकरीबन 12-13 घंटे लग जाते हैं। वहीं, नया एक्सप्रेस-वे निर्माण से गोरखपुर से सिलीगुड़ी की दूरी घट जायेगी एवं तकरीबन 6 घंटे कम हो जाएंगे।
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे तैयार करने के प्रोसेस के अंतर्गत ठाकुरगंज प्रखंड एरिया में भूमि चिन्हित कर पिलर गाड़ने का काम आरंभ करवा दिया गया है। यह एक्सप्रेस-वे के निर्माण हो जाने से जिले साथ ही प्रखंड क्षेत्र के डेवलपमेंट को रफ्तार मिलेगी। कहते चले प्रखंड क्षेत्र को NH 327I एवं बोर्डर रोड के उपरांत तीसरी जरूरी रोड का सौगात मिलेगा। पहले से निर्माण NH पर रोजाना हजारों वाहनों का संचालित हो रहा है। उससे लोगों को देश के भिन्न भिन्न भागो में जाने की व्यवस्था मिल रही है।