आज के युग में लोग उच्च शिक्षा हासिल कर अच्छी नौकरी देख सेटल होना चाहते हैं। लेकिन कई ऐसे लोग भी हैं, जो अच्छी खासी नौकरी को ठुकरा खुद के बदौलत अपना बिजनेस खड़ा कर देते हैं। ऐसे ही एक कहानी सचिन काले की है, जिन्होंने 24 लाख की नौकरी छोड़ जैविक खेती कर अब सालाना 2 करोड़ से भी ऊपर की कमाई कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से आने वाले सचिन काले मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन के बाद फाइनेंस में एमबीए और एलएलबी किया। फिर इकोनॉमिक्स में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की इतनी सारी योग्यता और डिग्री के बाद लाजमी है, कि सचिन को एक बढ़िया नौकरी मिलना ही था।
पहली नौकरी नागपुर में तकरीबन 2 साल करने के बाद पुणे की एक कंपनी में उस दौर में सचिन को 12 लाख रुपए का सालाना पैकेज मिला। कुछ साल यहां काम करने के बाद सचिन दिल्ली चले जाए जहां उन्हें 24 लाख रुपए का सलाना पैकेज मिला। सपरिवार सचिन दिल्ली में ही रहकर नौकरी करने लगे। सचिन अपनी नौकरी और रोजाना के कामों से अपने आप में संतुष्ट नहीं थे, लिहाजा उन्होंने खुद के बदौलत बिजनेस करने की ठानी।
साल 2014 में नौकरी को ठुकरा सचिन ने जैविक खेती करने की शुरू कर दी, इस कदम से उनके पिता काफी निराश भी थे। खेती करने के लिए विरासत से मिली सचिन के पास 20 एकड़ जमीन थी। कृषि विशेषज्ञों से सचिन ने खेती के तरीकों और गुरु को काफी नजदीकियों से सीखा, फल और सब्जियों की खेती के लिए उन्होंने पूरी तफ्तीश की। ज्यादा मुनाफा होने के कारण उन्होंने कॉर्पोरेट खेती पर ज्यादा ध्यान दिया।
सचिन ने अपनी कंपनी को इनोवेटिव एग्रीलाइफ सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड नाम दिया, इसके माध्यम से वह किसानों के लिए फंड का बंदोबस्त करते थे। किसानों की आमदनी, मुनाफा और घाटा का पूरा हिसाब किताब रखते थे। कई वर्षों तक कंपनियों में काम करने का अनुभव और शैक्षणिक योग्यता सचिन के तजुर्बे को दर्शाता है। सचिन ने नए मॉडल के तहत किसानों को मौसम के अनुसार विभिन्न-विभिन्न तरह के फल सब्जी और खेती करने के गुर सिखाने लगे। जिससे किसानों को भी जबरदस्त फायदा होने लगा।
सचिन के कंपनी से जुड़ने वाले किसानों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती गई। महेश 2 सालों में कंपनी दो करोड़ के टर्नओवर को पार कर गई। सचिन काले धान के साथ ही मौसमी फलों और सब्जियों का भी जैविक खेती करते हैं, जिस की सप्लाई भारत के प्रमुख शहरों में होती है। दूसरे राज्य के भी किसान सचिन से खेती के नायाब तरीके और गुरु को सिखते हैं। आज सचिन की कामयाबी की चर्चा चारों ओर होती है। हर किसान से जुड़े कार्यक्रम में सचिन को आमंत्रित किया जाता है।