समस्तीपुर जिले के लोगों के लिए गुड न्यूज है। समस्तीपुर रेल मंडल का यांत्रिक कारखाना, अब विद्युत लोको शेड अब एलएचबी मेंटेंनेस का कारखाना बनने से समस्तीपुर के विकास को नई रफ्तार मिलेगी। इसके साथ ही समस्तीपुर रेल डिवीजन के एलएचबी कोच के मेंटेनेंस हेतु गोरखपुर नहीं भेजना पड़ेगा। यह नए कारखाने का निर्माण लगभग 20 करोड़ की राशि खर्च कर होगा। कारखाना के लिए जगह का भी चयन कर लिया गया है।
जानकारी के लिए बता दें कि रेलवे डिवीजन से खुलने वाली 90 प्रतिशत ट्रेनों में एलएचबी कोच लगा हुआ है। नई व्यवस्था के लागू होने से एक साथ 30 एलएचबी कोच के मेंटेनेंस का काम होगा। हर डेढ़ साल में एलएचबी कोच का आईओएस मेंटेनेंस का कार्य किया जाता है। जबकि 3 साल की समय सीमा इसके पीओएच के लिए निर्धारित की गई है। समस्तीपुर जंक्शन से ठीक बगल में सिंक लाइन के नजदीक नए कारखाने बनाने पर स्वीकृति मिली है। आधिकारिक तौर पर इसकी जानकारी मंडल रेल प्रबंधक आलोक अग्रवाल ने की है।
बता दें कि पहले के चरणों में आईसीएफ कोच का इस्तेमाल किया जाता था। मौजूदा समय के 90 प्रतिशत ट्रेनों में आधुनिक एलएचबी कोच लगा हुआ है। ऐसे में इनको चोको मेंटेनेंस करवाने के लिए गोरखपुर भेजना पड़ता था। इस समस्या को देखते हुए रेलवे बोर्ड में रेल मंडल के प्रस्ताव एलएचबी कोच मेंटिनेस कारखाना बनाने पर मुहर लगा दी है। इस कारखाने के बनने से कोचों को गोरखपुर भेजने और लाने में होने वाला खर्च भी बचेगा।
आधुनिक तकनीक से यह वर्कशॉप लैस होगा। इसमें काम करने वाले कामगारों को पहले ही ट्रेंड किया जाएगा। विभाग द्वारा मिल रही जानकारी के मुताबिक, समस्तीपुर जंक्शन से ठीक सटे इन क्लाइंट के पास कारखाना बनाने का प्लान है। एक बार में 30 कोचों के मेंटेनेंस का काम किया जाएगा। विदित हो कि पूर्व में ही समस्तीपुर रेलवे डिविजन दफ्तर में डीजल शेड को बिजली लोको शेड में बदला जा चुका है।