बिहार में हाई स्कूल के साथ ही अब प्राथमिक स्कूल के बच्चे स्मार्ट बनेंगे। प्राथमिक कक्षा से बच्चे कंप्यूटर शिक्षा के बारे में सीखेंगे। इसके लिए इनफॉरमेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी स्कीम के तहत केंद्र सरकार हर लैब पर 6.40 लाख रुपए खर्च करेगी। इस योजना के तहत जिले के 76 गवर्नमेंट स्कूलों का सिलेक्शन किया गया है। ऐसे स्कूलों में मॉडल कंप्यूटर लैब स्थापित किए जाएंगे। जिससे बच्चे जिस डिजिटली टेक्नोलॉजी की पूरी दक्षता स्कूल स्तर पर ही अच्छे से सीख सकें।
चयनित संस्था बच्चों को शिक्षा, शैक्षणिक आवश्यकताओं के कार्य का फायदा ले सकेंगे आइसीटी स्कीम के लिए सर्वेक्षण का काम जारी है। हर लैब में 10-10 कंप्यूटर सेट, डिजिटल बोर्ड और प्रोजेक्टर लगाए जाएंगे। इसके लिए भारत सरकार की इन्फाॅर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी स्कीम के तहत जिले के 76 स्कूलों को कंप्यूटर लैब निर्माण के लिए चयन किया गया है। प्राइवेट स्कूलों में अध्ययनरत छात्रों को शुरुआती वर्ग से ही कंप्यूटर की शिक्षा दी जाती है। मगर सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों को बारहवीं तक भी कंप्यूटर शिक्षा नहीं मिल पाती है।
आईसीटी स्कीम के संचालन से अब स्कूली बच्चे अपने स्कूल में ही तकनीकी शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे, जिससे जिले के सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए यह बेहद फायदेमंद साबित होगा। जिले के चयनित स्कूलों में आईसीटी लैब की स्थापना के पश्चात जहां स्कूली छात्र सूचना और संचार प्रौद्योगिकी बेस्ड शिक्षा हासिल कर सकेंगे। वहीं छात्र अपने विद्यालय में ऑनलाइन फार्म भरने, एडमिट कार्ड आदि डाउनलोड करने सहित तमाम शैक्षणिक आवश्यकताओं के कार्य लाभ ले सकेंगे।
इस योजना का मुख्य लक्ष्य बच्चों को डिजिटाली दक्ष बनाने के साथ ही सरकारी स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों पर आगे ले जाना। वास्तव में परिजन डिजिटल टेक्नॉलॉजी शिक्षा जैसे चकाचौंध देखकर अपने बच्चों का एडमिशन प्राइवेट स्कूल में कराना चाहते हैं, अगर सरकारी विद्यालयों में शुरुआत से ही बच्चों के हाथ में माउस थमा दी जाए तो परिजनों का झुकाव सरकारी विद्यालयों की तरफ बढ़ेगा। साथ ही बच्चे कम खर्च में सौ फीसद शिक्षित और डिजिटली शिक्षित और साक्षर बन सकेंगे।