बिहार में शिक्षक बहाली की प्रक्रिया के दौरान हो रही बड़ी गड़बड़झाला को देखते हुए राज्य सरकार ठोस निर्णय लेने जा रही है। अब शिक्षक बहाली में होने वाली स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भूमिका खत्म होने वाली है। बिहार शिक्षा विभाग शिक्षकों की बहाली के चलते एजुकेशन रिक्रूटमेंट बोर्ड लाएगी। अगले साल सातवें चरण के तहत हाई स्कूलों में शिक्षकों की बहाली होना है, जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भूमिका खत्म कर दी जाएगी।
बता दें कि शिक्षक बहाली में मुखिया, पंचायत समिति प्रमुख, जिला परिषद अध्यक्ष और नगर परिषद अध्यक्ष अपनी भागीदारी निभाते हैं। अब राज्य सरकार ने इसे खत्म करने का निर्णय लिया है। अगले साल सातवें चरण के तहत होने वाले हाई स्कूलों के शिक्षकों की बहाली शिक्षक रिक्रूटमेंट बोर्ड के जरिए होगी।
शिक्षा विभाग आवेदन की प्रक्रिया बदलने की भी तैयारी में है।
बता दें कि सातवें चरण के तहत तकरीबन 40000 शिक्षकों की बहाली होनी है।। फिलहाल छठे चरण के तहत 32,714 शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया शुरू है, जिसे अगले साल जनवरी तक पूरा किया जाना है। जो पद खाली रह जाएंगे, उसे सातवें चरण के तहत भरा जाएगा। जरूरत पड़ने पर उच्च और उत्तर माध्यमिक शिक्षक की बहाली में भी संशोधन किए जाने की उम्मीद है।
शिक्षकों के बहाली में किसी तरह की कोई गड़बड़ी ना हो,
इसके लिए शिक्षा विभाग ने यह महत्वपूर्ण फैसला लिया है। फिलहाल मेधा सूची के आधार पर चयन प्रक्रिया पूरी की जाती है, जिसके चलते कई बार योग्य अभ्यर्थी भी वंचित रह जाते हैं लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।