सिवान के बाहुबली नेता एवं पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन जब जीवित थे, तो उनकी जिन्दगी मे कई ऐसे पल आये जब वे बेहद भावूक हो गए थे। यह वाकया पिछले साल का है जब कोर्ट के आदेश पर दिल्ली के जे’ल मे ही उन्हें उनके पत्नी, बच्चो और माँ से मिलवाया गया था। तब उन्होंने बेटी हेरा शहाब के निकाह मे शामिल होने के लिए सिवान आने की इच्छा जताई थी।
बीते दिनों हेरा शहाब की सगाई हो गई और अब निकाह का इन्तजार है। लेकिन अब शहाबुद्दीन का यह अरमान कभी पूरा नहीं होगा। बता दे कि यह उनके बेटे – बेटियों मे पहला निकाह था। शहाबुद्दीन तिहाड़ जेल की सजा काट रहे थे जहाँ संक्रमण से 1 मई को उनकी मौत हो गई। बीते शनिवार के दिन शहाबुद्दीन की बेटी हेरा शहाब की सगाई मोतिहारी के सैयद मो. शादमान से हुई, दोनों ही पेशे से MBBS डॉक्टर हैं। इस सगाई मे पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी तथा राष्ट्रीय जनता दल विधायक अवध बिहारी चौधरी व हरिशंकर यादव समेत कई नेता उपस्थित रहे।
नहीं हो गयी इच्छा पूरी
जेल मे सजा काटने के दौरान ही शहाबुद्दीन के पिता का निधन हो गया था।पिता के निधन के बाद भी शहाबुद्दीन को पैरेाल नहीं मिला था। शहाबुद्दीन ने पैरोल की अर्जी दाखिल की, जिसपर बिहार सरकार की आपत्ति के कारण उन्हें सिवान जाकर परिवार से मिलने की इजाजत नहीं दी गई। इसके लगभग तीन साल बाद कोर्ट के आदेश के बाद दिसंबर मे दिल्ली मे ही वे अपने परिवार के सदस्यो माँ, पत्नी और बच्चो से मिले। इस मुलाकात के दौरान क्या बात चीत हुई यह तो नहीं पता लेकिन कई बार भावूक पल आए।
जानकारी के अनुसार लंबे समय बाद परिवार से मिलने के बार कई बार इमोशनल पल आए। दरअसल दिल्ली के तिहाड़ जेल मे भेजे जाने के बाद वे अपने परिवार से बहुत दूर हो गए। कहा जाता है कि तब उन्होंने बेटी के निकाह मे शामिल होने के लिए सिवान आने की इच्छा जताई थी लेकिन उनकी यह इच्छा भी अधूरी ही रह गई। पैरोल मिलने से पहले ही कोरोना से उनका निधन हो गया।