विक्रमशिला सेतु के समांतर बनने वाली पुल का एक बार फिर से टेंडर जारी किया गया है। जून माह से इस फोरलेन पुल का निर्माण शुरू होगा। 4 साल यानी 1460 दिनों के भीतर पुल निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। निर्माण स्थल में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
पहले से निर्धारित विक्रमशिला सेतु से 50 मीटर की दूरी पर पूरब की ओर श्मशान घाट की तरफ से निर्माण शुरू होगा। जितना का आकलन पूर्व में किया गया है, उतनी ही राशि पुल निर्माण पर खर्च होगी। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, नई दिल्ली ने इसके मद्देनजर निविदा निकाला है। बता दें कि पुल बनाने पर 958.38 करोड़ की लागत आएगी।
12 अप्रैल को निविदा खुलेगा। इच्छुक एजेंसियां 28 मार्च से 11 अप्रैल तक निविदा भर सकती है। प्री-बिड की बैठक 21 मार्च को होगी। भारतीय अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आइडब्ल्यूएआइ) के मुताबिक ही पुल के स्पैनों के बीच 100 मीटर की दूरी होगी। बता दें कि आइडब्ल्यूएआइ से हरी झंडी नहीं के वजह से 15 दिन पहले निविदा को रद्द कर दिया था। गौरतलब हो कि आइडब्ल्यूएआइ ने साफ तौर पर कहा था कि पुल के पूरे हिस्से का स्पैन का फासला 100 मीटर का होना चाहिए, नहीं तो पुल निर्माण की इजाजत नहीं दी जाएगी।
आइडब्ल्यूएआइ अगर पुल के स्पैन की दूरी 100 मीटर से ज्यादा का नहीं होता है तो उससे मालवाहक जहाज नहीं गुजर सकेंगे। इसके अलावा स्पैन का फासला 100 मीटर रहने से पानी का बहाव भी सही ढंग से होगा और उम्मीद के मुताबिक गाद कम जमा होगा। यह भी कहा गया था कि जहां पुल का निर्माण होता है वहां मुख्यधारा में स्पैन की दूरी 100 मीटर तो कर दिया जाता है पर मुख्यधारा से अलग स्पैन का फासला 50 मीटर ही रखा जाता है। पर्यावरण के लिहाज से यह अच्छा है।