सालों से बाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगल से होकर गुजरने वाली बदहाल सड़क निर्माण का मामला अब भारत सरकार तक पहुंच गया है। सड़क निर्माण में लगी अड़चन के बाद सीमावर्ती बाल्मीकि नगर के एमएलए धीरेंद्र प्रताप सिंह और यूपी के सीमावर्ती खड्डा के विधायक विवेकानंद पांडे ने सड़क निर्माण में फंसे अड़चन को लेकर केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की है। एनएच के द्वारा सड़क के प्रस्ताव को व्यापारिक बताते हुए मदनपुर से पनियहवा के बीच जंगल इलाके में एलिवेटेड सड़क का प्रस्ताव सौंपा है।
एलिवेटेड सड़क निर्माण जहां से आवाजाही सुलभ होगी वहीं वन्यजीवों को सुरक्षा मिलेगी। दोनों विधायकों के द्वारा यूपी से बिहार को कनेक्ट के लिए जंगल के बीच लगभग 3 किमी रेंज में लिमिटेड सड़क निर्माण का प्रस्ताव देकर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने की मांग की गई है। इस डिमांड पर मंत्री नितिन गडकरी ने मंजूरी दी है। विधायक ने बताया है कि प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के लिए मंत्री नितिन गडकरी ने अफसरों को दिशा निर्देश दिए हैं।
एलिवेटेड सड़क के प्रस्ताव पर मंजूरी के लिए वन विभाग से स्वीकृति लेनी होगी। विधायक ने कहा कि सड़क के कालीकरण पर आपत्ति है ना कि एलिवेटेड रोड के निर्माण पर। वहीं सीमावर्ती खड्डा के एमएलए विवेकानंद पांडे बताते हैं कि देश के कई टाइगर रिजर्व इलाके में लिमिटेड रोड का निर्माण हुआ है जिससे वन्य जीवों की सुरक्षा बढ़ी है। ऐसे में एलिवेटेड सड़क बन जाने के बाद वन्य जीवों की सुरक्षा के साथ यूपी से बिहार के बीच आवाजाही सुलभ होगा।
नेशनल हाईवे नंबर- 727 मार्ग से यूपी-बिहार संपर्क रुट पर 104 किमी से 110 किमी तक सड़क जो पूरी तरह बदहाल है। वन विभाग तथा बिहार सरकार नए विकल्प के तौर पर सड़क को बंद करने पर मंथन कर रही है। यूपी के विधानसभा खड्डा तथा बिहार के वाल्मीकिनगर इस सड़क से जुड़े हुए हैं और इसके मध्य में मदनपुर का पुराना देवी मंदिर है, जो पूर्वांचल व बिहार और नेपाल के लोगों का आस्था का केंद्र है, जिसकी पौराणिक मान्यताएं हैं। इसलिए इस सड़क के निर्माण हेतु यूपी तथा बिहार के दोनों सीमावर्ती विधायक निरंतर मुहिम चला रहे हैं।