दिल्ली-मुंबई रेल रूट के कोटा से महिदपुर सड़क स्टेशन तक वंदे भारत ट्रेन का परीक्षण किया गया। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसका एक वीडियो अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर किया है। वंदे भारत ट्रेन ट्रायल रन 180 किलोमीटर की रफ्तार पकड़ी। रेल मंत्री ने ट्वीट में लिखा है कि वंदे भारत ट्रेन का स्पीड ट्रायल 180 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड को पार किया।
ट्रायल से पूर्व वंदे भारत ट्रेन की शुरुआती जांच के दौरान वाशिंग में सफाई और धुलाई की गई। इसके अतिरिक्त ट्रेनों के सभी तरह के मशीनों और पैनलों की जांच की गई। कई चरणों में इस ट्रेन का ट्रायल पूरा हुआ। जिसमें पहले चरण का ट्रायल कोटा और घाट का बरना, दूसरा घाट का बरना एवं कोटा, तीसरा ट्रायल कुर्लासी और रामगंज मंडी के बीच डाउन लाइन पर हुआ।
वहीं चौथा और पांचवां ट्रायल कुर्लासी व रामगंज मंडी के बीच डाउन लाइन पर जबकि छठा ट्रायल कुर्लासी एवं रामगंज मंडी और लाबान के बीच डाउन लाइन पर किया गया। वंदे भारत ट्रेन को लेकर संभावना की है कि इंडियन रेलवे के लिए सुनहरा अध्याय होगा। इन ट्रेनों में फाइबर रिइंफोर्स्ड पॉलिमर की सीट होगी।
इनके मेनेटेंस में आने वाली लागत बेहद कम होगी। पूरी तरह डोमेस्टिक लेवल पर विकसित वंदे भारत ट्रेन देश की सबसे तेज गति ट्रेनों में से एक है। यात्रियों और पर्यटन की सुरक्षा की निगरानी से इस ट्रेन को देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कम समय में इससे लोग लंबी दूरी तय कर सकेंगे।
बता दें कि फिलहाल भारतीय रेल के द्वारा चलने वाली शताब्दी एक्सप्रेस की जगह पर वंदे भारत एक्सप्रेस का संचालन किया जाएगा। अनुसंधान, डिजाइन और मानक ऑर्गेनाइजेशन की टीम के द्वारा डिजाइन यह ट्रेन लगभग 200 किमी प्रति घंटे की स्पीड छूने में सामर्थ्य है। वहीं इसमें 16 कोच होंगे और शताब्दी एक्सप्रेस के समान इसमें पैसेंजर्स ले जाने की कैपिसिटी होगी।
सूत्रों के मुताबिक नई ट्रेनों में अधिक आरामदायक बनाने और सुरक्षित के लिए ऑटोमेटिक फायर सेंसर, जीपीएस सिस्टम और सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे। इन ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार प्रति घंटा 180 किलोमीटर तक है। आईसीएफ ने अगस्त 2023 तक 75 वंदे भारत ट्रेन बनाने का लक्ष्य रखा है। एक सेल्फ प्रोपेल्ड इंजन वाली ट्रेन वंदे भारत है, यानी इसमें अलग से इंजन नहीं है।