अब जाना हीं रेल का सफर महंगा होने वाला है। ट्रेन का टिकट बुक करने के लिए निश्चित शुल्क से 50 रुपए तक अधिक देने होंगे। रेल मंत्रालय ने नए सिरे से विकसित किए गए रेलवे स्टेशनों पर स्टेशन डेवलपमेंट फीस वसूलने का निर्णय लिया है। रेलवे के अनुसार यह फीस अलग-अलग क्लास से यात्रियों के लिए अलग-अलग होगी। उपनगरीय एवं सीजन टिकट को इससे अलग रखा गया है। यह फीस उस स्टेशन से रेल में चढ़ने एवं उस स्टेशन पर उतरने वाले यात्रियों से वसूला जाएगा। हालांकि ये कब से लागू होगा और किन स्टेशनों के लिए इसकी जानकारी अभी नहीं दी गई है।
इसके तहत जिन रेलवे स्टेशनों का रीडेवलपमेंट हो गया है उनके लिए यात्रियों से 10 से 50 रुपए तक का चार्ज वसूला जाएगा। ऐसे स्टेशनों से यात्रियों के ट्रेन में चढ़ने या उतरने दोनों पर SDF लिया जाएगा और इसको यात्रा टिकट में जोड़ा जाएगा, जिस कारण टिकट महंगे होंगे। यह कदम रेलवे को एवं स्टेशनों के रीडेवलपमेंट के लिए पैसा जुटाने में मदद के लिए है।
अनरिजर्व्ड पैसेंजरों के लिए यह फीस 10 रुपए एवं रिजर्व्ड नॉन-एसी यात्रियों के लिए 25 रुपए, रिजर्व्ड एसी पैसेंजर्स के लिए 50 रुपए होगी। सिर्फ इतना ही नहीं प्लेटफॉर्म टिकट खरीदने वालों को भी इसके लिए 10 रुपए देने होंगे। स्टेसशन पर उतरने वाले यात्रियों के लिए यह राशि उक्त दरों की 50% होगी। अगर कोई यात्री ऐसे किसी रेलवे स्टेशन से चढ़ता है और ऐसे ही स्टेशन पर ही उतरता है तो उस स्थिति में एसडीएफ एप्लिकेबल दर का 1.5 गुना होगा।
SDF यानी यूजर फीस लगने से ट्रेन का किराये में बढ़ोतरी हो जाएगी। उदाहरण के लिए यदि कोई यात्री नई दिल्ली से मुंबई जाता है तो उसे दोनों स्टेशनों के लिए यूजर फीस चुकानी होगी। लेकिन कोई यात्री छोटे स्टेशनों से नई दिल्ली या मुंबई का टिकट बुक कराता है तो उसे नॉर्मल चार्ज का 50% ही यूजर फीस के रूप में चुकाना होगा।
सूत्रों के अनुसार शुरुआत में 50 स्टेशनों पर यह व्यवस्था शुरू हो सकती है। हालांकि रेलवे द्वारा कई स्टेशनों को पुनर्विकसित करने की योजना पर काम किया जा रहा है। इन स्टेशनों पर उपलब्ध सुविधाओं के लिए यात्रियों को हवाई अड्डों पर लगने वाले यूजर डेवलपमेंट फीस (SDF) के जैसे ही अलग से शुल्क देना पड़ेगा।