तेजस एक्सप्रेस और दुरंतो में सफर करने वाले यात्रियों को बेहतर खाना उपलब्ध कराने के मकसद से आईआरसीटीसी सभी बेस किचेन में फूड सेफ्टी सुपरवाइजर रखेगा। बिहार के इकलौते राजेंद्र नगर टर्मिनल स्थित बेस किचन के अतिरिक्त देश के 46 बेस किचन के रॉ मैटेरियल और पके भोजन की जांच होगी। इससे बेस किचन में पाए जाने वाला खाना पैसेंजर्स के लिए गुणवत्तायुक्त होगा।
आईआरसीटीसी ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों से फीडबैक लेने की तैयारी में है, इसके लिए कस्टमर सेटिस्फेक्शन सर्वे कराया जाएगा। आईआरसीटीसी फूड सेफ्टी सुपरवाइजर, लैब टेस्टिंग एजेंसी व कस्टमर सेटिस्फेक्शन सर्वे के लिए दो साल तक का समझौता संबंधित एजेंसी से करेगा। अगले माह तक एजेंसी चयन करने के बाद जून तक इसे लागू करने का प्लान है। पटना समेत देशभर के सभी बेस किचन में फूड सेफ्टी सुपरवाइजर के बहाली का दौर शुरू हो गया है।
बता दें कि कच्चा और तैयार खाद्य सामग्री की लैब टेस्टिंग एजेंसी के चयन के लिए आईआरसीटीसी ने निविदा निकाला है। फूड सेफ्टी सुपरवाइजर का काम रेलवे खान के स्वाद और गुणवत्ता को जांच करना होगा। सुपरवाइजर ना सिर्फ खाना बनाने की प्रक्रिया को जांचेंगे बल्कि खाने में उपयोग में लाई जाने वाली घी, तेल व मसाले जैसी तमाम चीजों का जांच करेंगे।
आईआरसीटीसी के अधिकारी बताते हैं कि रेलवे की आमदनी का बड़ा हिस्सा यात्रियों को मिलने वाले खाने से आता है। देश के 70 फीसद ट्रेनों में पैसेंजर्स को खाने की सुविधा मिल रही है। रेलवे को 20 प्रतिशत आमदनी यात्रियों को परोसे जाने वाले खाने से होती है। इस लिहाज से देखा जाए तो खानपान की गुणवत्ता को बेहतर बनाने से रेलवे की आमदनी में भी इजाफा होने की उम्मीद है।
आईआरसीटीसी के जनसंपर्क अधिकारी आनंद झा ने कहा कि खानपान की सामग्री की गुणवत्ता बेहतर बनाने की दिशा में रेलवे काम कर रहा है। शिकायतों पर जल्द ध्यान देते हुए रेलवे उसमें भी सुधार करेगा। फूड सुपरवाइजर के साथ ही खानपान की सामग्री जांच करने वाले एजेंसी को शीघ्र बहाल किया जाएगा।