अगर आपका नाम राशन कार्ड धारकों की सूची में शामिल है और आप सरकारी राशन का फायदा उठा रहे हैं, तो आपको यह खबर पढ़नी चाहिए। लाभार्थियों के हितों का ध्यान रखते हुए केंद्र सरकार के द्वारा कुछ जरूरी नियम बनाया गया है। अमूमन कोटा धारकों के द्वारा राशन पर लोड डालता है जिस वजह से लोगों को कम अनाज मिलता है। इसके समाधान के तौर पर सरकार के द्वारा राशन की दुकानों पर इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ सेल लगाना अनिवार्य कर दिया है।
राशन लाभुकों के लिए पर्याप्त राशन प्राप्त करना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा नियम ने अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए मोदी सरकार ने जन वितरण प्रणाली की दुकानों में इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ सेल मशीन को इलेक्ट्रॉनिक स्केल से जोड़ना जरूरी कर दिया है। राशन की दुकानों में लाभुकों के लिए पारदर्शिता बढ़ाने और राशन तौलते वक्त कम कटौती रोकने के हेतु इस दिशा में यह निर्णय लिया गया है।
सरकार के मुताबिक अधिनियम की धारा 12 के तहत खाद्यान्न के वेट में सुधार लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के संचालन के पारदर्शिता में सुधार करते हुए प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की एक कोशिश है। बता दें कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सरकार देश के 80 करोड़ लोगों को 2 से 3 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती कीमत पर 5 किलो चावल और गेहूं उपलब्ध कराती है।
सरकारी अधिकारी बताते हैं कि खाद्य सुरक्षा 2015 के धारा नियम-7 में प्रति क्विंटल 17 रुपए के अतिरिक्त लाभ के साथ बचत को प्रोत्साहित करने के मकसद से सुधार किया गया है। नए नियम के तहत, जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों को पॉइंट ऑफ सेल डिवाइस की खरीद व मेंटेनेंस की लागत के लिए अलग से राशि दी जाएगी।