पटना कॉलेज तथा दरभंगा हाउस के मध्य कदमघाट जाने वाले मार्ग पर वाणिज्य कॉलेज के ठीक पीछे एक छोटा ब्रिज का निर्माण होगा। इसके साथ ही वाणिज्य कॉलेज के पीछे सीमेंटेड सड़क बनाई जाएगी, जो पटना महाविद्यालय से दरभंगा हाउस के रानी ब्लॉक को संपकर्ता देगी। इसके बन जाने के बाद साइंस कॉलेज से दरभंगा हाउस के बीच परिसर में इंटर्नल संपकर्ता हो जाएगी। इस सड़क तथा ब्रिज से वाहन आ-जा सकेंगी। दीपावली छठ की छुट्टी के बाद तक सड़क निर्माण पूरा होने की उम्मीद है।
बिहार राज्य एजुकेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन के द्वारा ब्रिज बनवाया जा रहा है। फिलहाल शिक्षकों को साइंस कॉलेज, पटना यूनिवर्सिटी मुख्यालय, पटना कॉलेज से दरभंगा हाउस तक जाना होता है तो वे अशोक राजपथ के रास्ते फिर रिटर्न दरभंगा हाउस वाली पतली रोड से होकर जाना होता है जो बेहद संकीर्ण है और उसमें बड़ी वाहन अटक जाती है। वहीं अशोक राजपथ पर काफी जाम और लंबा यू टर्न रहता है। इस कड़ी में शिक्षकों को काफी वक्त लगता है।
च्वॉइस बेस्ड क्रेडिट प्रणाली लागू होने के पश्चात अतिरिक्त वर्गों के लिए छात्रों व शिक्षकों की आवाजाही निर्वाध होना आवश्यक हो गया है। पटना कॉलेज से दरभंगा हाउस तक पैदल जाने के लिए कोई मार्ग नहीं बचा है। बाहरी और असामाजिक तत्वों के एंट्री को रोकने हेतु कुछ वक्त पहले एक छोटे पैदल मार्ग को बंद किया गया था। अब जो रोड बनेगा उसमें बाहर के लोग नहीं आ जा पाएंगे।
पटना कॉलेज के अंदर नई बाउंड्री का निर्माण हो गया, बस फिनिशिंग का काम शेष है। अब शीघ्र ही पटना कॉलेज का ऐतिहासिक गेट ध्वस्त किया जायेगा और पुरानी बाउंड्री को तोड़ा जायेगा। इसके अलावा हाल में ही बना पटना विश्वविद्यालय का दोनों शताब्दी द्वारा टूटेगा। यह एमएलसी कोष से बना था। जानकारी के मुताबिक, लगभग तीस लाख के आस-पास खर्च हुए थे। इसके साथ लगी बाउंड्री को तोड़ा जायेगा। उधर साइंस कॉलेज का गेट और बाउंड्री टूट जायेगी।
पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो गिरीश कुमार चौधरी ने कहा कि पटना कॉलेज एवं दरभंगा हाउस के बीच ब्रिज का निर्माण होगा, इससे पीजी डिपार्टमेंट में आवाजाही सुगम होगा। साइंस कॉलेज में बाउंड्री तथा कुछ स्ट्रक्चर को डबल डेकर और गंगा पाथ वे की रोड की वजह से ध्वस्त सोगा, उसके एवज में कार्य एजेंसी जो पैसे देगी उससे एक नया भवन निर्माण की तैयारी है।