अगले महीने के आखिर तक राजधानी पटना में 75 नई सीएनजी बसें चलने लगेंगी। बिहार राज्य पथ परिवहन निगम ने 25 एसी और 50 नॉन सीएनजी बसें मंगवा रही है। एजेंसी के द्वारा अगले महीने के बीच तक इनकी आपूर्ति होगी और महीने के आखिर तक इनका परिचालन शुरू हो जाएगा। इन बसों के आने के बाद बीएसआरटीसी 46 डीजल बसों को बाहर कर देगा। इनमें से पटना से बिहार शरीफ और हाजीपुर रूट में 30 बसें चल रहे हैं जबकि 16 बसों का परिचालन शहर के अंदर हो रहा है। इन बसों को राजधानी और आसपास की सिटी बस सेवा से हटा लेने पर पूरी तरह डीजल फ्री हो जाएगा।
बता दें कि फिलहाल 116 बसें चल रही है, इनमें से सीएनजी बसों की संख्या 70 और नई सीएनजी बसों की संख्या 50 है जबकि 20 पुरानी डीजल बसों को सीएनजी में बदला गया है। 46 बसें डीजल से चल रही हैं।
राजधानी इशारों को प्रदूषण से मुक्त बनाने के लिए 23 इलेक्ट्रिक बसों को पटना की सड़कों पर दौड़ाया जा रहा है जो फुलवारी एम्स, पटना साहिब और आईआईटी बिहटा तक जाता है। यह बस पूरी तरह एसी और शोररहित है। निजी डीजल बसों को चरणबद्ध तरीके से पटना से बाहर करने का काम जारी है। इसके तहत पहले फेज में 50 डीजल बसों को राजधानी से बाहर किया गया है। सरकार डीजल बसों को सीएनजी में बदलवाने के लिए प्रति बस 7.30 लाख रुपए का अनुदान दे रही है।
पिछले शुक्रवार को रक्षाबंधन के पर्व के मौके पर बिहार परिवहन निगम ने महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा की व्यवस्था की। राजधानी पटना की सिटी बसों में 15,000 महिलाओं ने फ्री यात्रा की। रात्रि के 8:00 बजे तक यह संख्या 12,800 थी, रात के नौ बजे के बाद संख्या 15000 के पार हो गई। राजधानी के सभी 13 रूटों के सिटी बसों में महिलाओं को या छूट दी गई थी।