देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को एक और बड़ी सौगात मिलने जा रही है। राजगीर में जू सफारी 191.12 हेक्टेयर में बनकर तैयार हो गया है। मिली जानकारी के मुताबिक 16 फरवरी से इसे खोला जा सकता है। इसके खुलने से राजगीर के पर्यटन स्थल को एक नया आयाम मिलेगा। सैलानियों के लिए यह जू सफारी रोमांच से भरा होगा। यहां आने वाले पर्यटक शेर और बाघ को खुले में दीदार कर सकेंगे।
पटना चिड़िया घर से 35 जानवर को राजगीर जू सफारी के लिए रवाना किया गया है। बंगाल और गुजरात से भी शेर और बाघ लाए गए हैं। जू सफारी पार्क को स्वर्णगिरी पर्वत एवं वैभार गिरी पर्वत के मध्य की घाटी वाले हिस्से में बनाया गया है। इसमें 72 हेक्टेयर का हिस्सा पुराना मृग विहार का शामिल है।
राजगीर जू सफारी में निम्न वन्य जानवरों के लिए घेरान वाले पांच जोन बनाए गए हैं, इसमें बाघ, शेर, तेन्दुआ, भालू, हिरण, (चीता एवं सांभर), चिडियों के लिए एक एवियरी तथा तितलियों का एक पार्क तैयार किया गया है। 30 फीट ऊंची ग्रिल का घेराव हर जोन में है। प्रत्येक जोन में डबल इंट्री गेट और पांच रिटायरिंग रूम बनाया गया हैं। सैलानियों के लिए तमाम सुविधाएं बहाल की गई हैं।
बता दें कि राजगीर जू सफारी में जीव-जंतुओं के उपचार के लिए उच्च राष्ट्रीय अस्पताल भी हैं। अस्पताल में चिकित्सकों की नियुक्ति भी कर दी गई है। जू सफारी के जानवरों का यहां उच्च स्तरीय उपचार होगा। जानवरों के मरने पर यहां पोस्टमार्टम की भी व्यवस्था है। जू सफारी के कर्मचारी और तमाम आला अधिकारियों के रहने के लिए आवास और सैलानियों के बैठने के लिए स्थल बनाया गया है। जंगल जहां प्राकृतिक सौंदर्य से कोई छेड़छाड़ नहीं करते हुए बनाया गया है।
जू सफारी से पर्यटकों के आवागमन में वृद्धि होगी। सीजन में देश ही नहीं विदेश से भी पर्यटक आते हैं। यहां के लोगों को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे। बता दें कि राजगीर जू सफारी में 8 सांभर, 8 हॉग डियर, 8 भौंकने वाला हिरण, 4 ब्लैक बक, 2 तेंदुआ, 2 भालू, 2 बाघ और 1 शेर रखा गया है।