भारत और नेपाल का संबंध दोस्ताना जैसा रहा है। दोनों देशों के नागरिक बिना कोई रोकथाम के सीमा आर-पार करते रहे हैं। राजनीतिक संबंधों से इतर भारत-नेपाल के बीच रोटी बेटी जैसे संबंध सदियों से चला आ रहा है। इसी को देखते हुए भारत से नेपाल के बीच एक और रेलवे रूट पर तीव्रता से काम हो रहा है। बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के रक्सौल से नेपाल की राजधानी काठमांडू तक रेलवे की पटरी बिछाई जा रही है।
बता दें कि पहले से ही भारत-नेपाल के बीच जयनगर से जनकपुर रूट पर ट्रेन चल रही है। रक्सौल से काठमांडू रेल ट्रैक दोनों देशों के बीच दूसरी ट्रेन सेवा को बढ़ाने का काम करेगी। मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट में इस परियोजना को शामिल किया गया है। इस प्रोजेक्ट में फाइनल लोकेशन सर्वे का काम भी शुरू है।
सर्वे के लिए कोंकण रेलवे की टीम में काठमांडू पहुंच चुकी है। नेपाल रेल विभाग के प्रवक्ता अमन चित्रकार ने जानकारी दी कि आवश्यक यंत्र और मशीन को भारत से लाने पर नेपाल सरकार किसी तरह की कोई कस्टम शुल्क नहीं ले रही है। 18 महीने के भीतर फाइनल लोकेशन सर्वे का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। सर्वे के बाद रक्सौल से काठमांडू रूट के बीच पूरी रूपरेखा और आने वाली लागत की पूरी जानकारी निकल जाएगी। बता दें कि साल 2018 में ही शुरुआती सर्वे इस रूट के लिए किया गया था।
कोंकण रेलवे कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा तैयार इस रिपोर्ट के अनुसार, रक्सौल से काठमांडू के बीच 136 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बनाने की योजना है। यह रेल लाइन रक्सौल स्टेशन से निकलकर पंटोका के रास्ते नेपाल में दाखिल होगी। फिर नेपाल के निजगढ़ से बागमती नदी के किनारे काठमांडू के खोकना तक रेल लाइन बनाने का प्राथमिक सर्वे हुआ था।