सीमावर्ती शहर में पूर्व से प्रस्तावित रेल ओवरब्रिज को प्राथमिक लिस्ट में शामिल किए जाने की शिकायत पर पिछले 28 जुलाई को निवारण पदाधिकारी ने अपना फैसला दिया है। उक्त मामले को सीएम दफ्तर के द्वारा पथ निर्माण विभाग के लोक शिकायत निवारण अधिकारी के कार्यालय को सौंपा गया था। निर्णय में उल्लेख है कि रक्सौल के रेलवे क्रॉसिंग नंबर 33 और 34 पर आरओबी निर्माण के लिए पथ निर्माण विभाग के द्वारा इंजीनियर प्रमुख को नोटिस जारी किया गया है। जिसके बाद लाभ या राहत के संदर्भ में स्पष्ट प्रतिवेदन देने को कहा गया है। शिक्षाविद डॉ स्वयंभू शलभ ने इस बाबत जानकारी दी है।
उन्होंने कहा कि पथ निर्माण विभाग के लोक अभियंता प्रमुख के द्वारा आरओबी की मांग पर बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड, चंपारण के बढ़िया परियोजना अभियंता से मिले प्रतिवेदन की प्रति भेजी गई है। जिस में जानकारी दी गई है कि बिहार सरकार और रेलवे के बीच कॉस्ट सेविंग के तहत चंपारण जिला के रक्सौल एलसी संख्या 33 और एलसी नं 34 के जगह पर सड़क ऊपरी पुल आरओबी निर्माण के लिए साल भर मैच में बिहार सरकार और रेलवे के बीच समझौता के तहत इस प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए फैसला लिया गया। अब स्थिति यह है कि यही रेल ओवरब्रिज के निर्माण के लिए रेलवे के द्वारा जेएफआर और कॉन्सेप्चुअल योजना का अनुमोदन हो चुका है।
प्रोजेक्ट का जेनेरल अरेंजमेंट ड्राइंग पुल निर्माण विभाग के द्वारा पूर्व मध्य रेलवे का अनुमोदन के लिए भेजा गया था। रेलवे ने जीएडी पर ऑब्जर्वेशन देने के लिए उसे लौटा दिया था। इस ऑब्जर्वेशन का निष्पादन करते हुए संशोधित जीएसडी पुल निर्माण निगम के द्वारा रेलवे को समर्पित किया जाएगा। स्वीकृति मिलने के बाद ही डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने की प्रक्रिया होगी।
बता दें कि भारत और नेपाल बॉर्डर पर स्थित अंतरराष्ट्रीय महत्व के शहर रक्सौल से नरकटियागंज, नरकटियागंज-सीतामढ़ी रेल मार्ग पर गाड़ियों के लगातार आवाजाही और शंटिंग के चलते रेल क्रासिंग गेट ज्यादातर समय बंद रहते हैं, जिसके वजह से ट्रैफिक जाम की विकट दिक्कत उत्पन्न होती है। इन दिनों हादसे भी होते रहते हैं। काफी दिनों से लोग ग्रसित हैं। पीएमओ सहित सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के संज्ञान में भी इस मामले को दिया गया है।