मुजफ्फरपुर सदर हॉस्पिटल की कैपेसिटी 500 बेड करने की कवायद चल रही है। फिलहाल यहां 100 बेड की क्षमता है। क्षमता विस्तार हेतु परिसर में पुराने ब्लीडिंग को तोड़ा जा रहा है। खाद्य संरक्षण विभाग, फाइलेरिया कार्यालय, केंद्रीय वैक्सीन भंडार, हथुआ वार्ड को ध्वस्त कर जगह बनाई जा रही है। पुराने महिला वार्ड में खाद्य सुरक्षा कार्यालय, फाइलेरिया को स्थानांतरित किया जा रहा है।
ओपीडी, आइसीयू एवं अन्य कक्ष एक ही साथ होंगे। इनमें लिफ्ट की सहुलियत रहेगी। इसके अलावा प्रशासनिक भवन, आपरेशन थियेटर, आपातकालीन कक्ष को विकसित किया जाएगा। रोगियों को मिलने वाली सुविधाओं में विस्तार होगा। जांच हेतु अत्याधुनिक मशीनों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। एसीएमओ दफ्तर और सिविल सर्जन दफ्तर जर्जर हैं। उनको नए भवन में शिफ्ट किया जाएगा। इसके साथ कैंपस में तीमारदारों को रहने के लिए धर्मशाला बनाया जा रहा है। सिविल सर्जन डा. यूसी शर्मा सदर हास्पिटल को माडल अस्पताल के तौर पर विकसित किया जा रहा है। इसके लिए मल्टी स्टोरी ब्लीडिंग बन रहा है। अगले साल के मार्च तक निर्माण पूरा करने का लक्ष्य तय है।
उधर, शहर में डायरिया का फैलाव हो गया है। सदर अस्पताल में दो दिनों के अंदर आठ रोगी पहुंचे हैं। वहीं श्री कृष्ण मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में एसकेएमसीएच में सात मरीजों का इलाज जारी है। सिविल सर्जन डा.यूसी शर्मा ने जानकारी दी कि डायरिया के भर्ती रोगियों की हालत में सुधार है। सभी पीएचसी प्रभारी को ओआरएस भेज दिया गया है। हर जगह इसकी उपचार की सुविधा है। आम जनों से आग्रह की कि वे बासी भोजन से परहेज़ करें। खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थ नहीं खाएं।