बिहार में चौतरफा उद्योग को लेकर माहौल तैयार किया जा रहा है। मुजफ्फरपुर जिले के मोतीपुर प्रखंड में चार इथेनॉल फैक्ट्री पर काम चल रहा है। उद्योग विभाग के प्रधान सचिव संदीप पांड्रिक खुद राज्य में इथेनॉल फैक्ट्री के निर्माण की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। प्रधान सचिव ने अपने ट्विटर अकाउंट से इथेनॉल फैक्ट्री की जानकारी साझा की है। यह फैक्ट्रियां जिले में इन्वेस्ट करने वाले उद्यमियों को प्रोत्साहित करने वाली है। उन्होंने कहा है कि राज्य में कई इथेनॉल फैक्ट्री पर काम चल रहा है। मुजफ्फरपुर में कुछ इथेनॉल प्लांट का निर्माण अगले साल के जनवरी तक पूरा कर लिया जायेगा।
उन्होंने मुजफ्फरपुर के साथ नालंदा का जिक्र किया है। आंकड़ों के मुताबिक पहले से चार इथेनॉल फैक्ट्री पर काम चल रहा है। बियाडा के कार्यकारी निदेशक के मुताबिक, मोतीपुर में 800 एकड़ में उद्योग स्थापित करने की योजना है। इसके साथ ही 250 एकड़ भूमि में फूड पार्क के लिए मास्टर प्लान बनाया जा रहा है। टो टल मिला कर फूड पार्क में 30 औद्योगिक यूनिट लगाने की तैयारी है। दूसरी तरफ, सोशल मीडिया पर लोग इसकी तारीफ कर रहे हैं। वहीं कई लोगों ने प्रधान सचिव से मेगा टेक्सटाइल पार्क को लेकर सवाल किये हैं।
बता दें कि इथेनॉल एक किस्म का अल्कोहल है। इसे पेट्रोल में मिलाकर वाहनों में फ्यूल की तरह उपयोग किया जा सकता है। मुख्य रूप से इथेनॉल का उत्पादन गन्ने की फसल से होता है, लेकिन कई दूसरे फसलों से भी इसे बनाया जा सकता है। जानकारी के मुताबिक, इससे खेती और पर्यावरण दोनों को लाभ होता है। यहां के परिदृश्य में देखा जाये, तो इथेनॉल ऊर्जा का अक्षय साधन है। इथेनॉल इको-फ्रैंडली फ्यूल है और वातावरण को जीवाश्म ईंधन से होने वाले खतरों से सचेत रखता है।