अहियापुर के कृषि उत्पादन बाजार समिति की तस्वीर बदलने वाली है। आधुनिक स्तर पर समिति को विकसित करने के लिए विभाग की ओर से कार्रवाई शुरू हो गई है। कृषि विभाग के द्वारा मुजफ्फरपुर के साथ ही राज्य के 12 बाजार समिति को विकसित करने के लिए आदेश जारी हुआ है, और पहले चरण में राशि निकासी और व्यय को मंजूरी दी गई है। प्रदेश योजना के तहत मुजफ्फरपुर कृषि उत्पादन बाजार समिति को विकसित करने के लिए 70 करोड़ 99 लाख रुपए मंजूर किए गए हैं।
विकसित करने के लिए नाबार्ड 95 प्रतिशत ऋण दें रहा है। कृषि विभाग के विशेष सचिव रवींद्र नाथ राय ने इस बाबत जानकारी दी कि वित्त विभाग के साथ प्रमंडल के आयुक्त, जिला कृषि पदाधिकारी व जिलाधिकारी को सूचित किया है। राष्ट्रीय कृषि तथा ग्रामीण विकास बैंक के द्वारा से 95 प्रतिशत ऋण दिया जा रहा है। वहीं राज्य सरकार के कोष से 5 प्रतिशत राशि आवंटित होगी। विभाग के द्वारा पहले किस्त के तहत नाबार्ड से मुजफ्फरपुर बाजार समिति के लिए 13,48,86,510 व प्रदेश मद से 70,99,290 राशि निकासी की परमिशन प्रदान कर दी गई है।
आधुनिक स्तर का बाजार समिति को बनाने का जिम्मा बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड को सौंपा गया है। काम शुरू होने के पश्चात कितना काम संबंधित एजेंसी कर रही है। हर महीने योजनावार तरीके से कृषि विभाग के साथ ही नाबार्ड पटना को प्रतिवेदन उपलब्ध कराना है। यह अल्टीमेटम दिया गया है कि देरी होने पर ऋण मिलने में किसी भी तरह की बाधाएं आने पर इसके लिए जिम्मेदार कोई निर्माण निगम होगी। इसके साथ ही प्रोजेक्ट के बारे में बाजार समिति में डिस्प्ले बोर्ड भी लगा देना है।
बता दें कि अहियापुर बाजार समिति के कीचड़ एवं जलजमाव के वजह से अलग पहचान बनी हुई है। योजना के पहले फेज में बिजली, ड्रेनेज सिस्टम, सड़क और भवन आदि पर काम शुरू किया जाना है। राशि की मंजूरी मिल गई है ऐसे में उम्मीद है कि जल्द काम शुरू हो जाएगा। योजना का सबसे अहम काम ड्रेनेज सिस्टम है। बरसात के दिनों में बाजार समिति का कैंपस पानी में डूबा रहता था। कीचड़ के वजह से पैदल चलने वाले लोगों को काफी परेशानी होती थी। सभी निर्माण के लिए अति आधुनिक निर्माण का इस्तेमाल किया जाएगा। खेतीहरों के लिए भंडारण व विपणन के लिए प्लेटफॉर्म एवं भवन बनाने की तैयारी है।