बिहार निवेश प्रोत्साहन पर्षद की मीटिंग में जिन 48 प्रस्तावों को पहले चरण की मंजूरी दी गई, उनमें गोपालगंज और मुजफ्फरपुर में इथेनॉल परियोजना शामिल हैं। टोटल 1077 करोड़ के 48 निवेश प्रस्तावों को मीटिंग में स्वीकृति दी गयी है। विकास आयुक्त के नेतृत्व में हुई मीटिंग में लंबे समय के बाद उद्योग निदेशक और उद्योग विभाग के प्रधान सचिव भी मौजूद थे। बताया जा रहा है कि इथेनॉल बिहार के औद्योगिक क्षेत्र का सूरत बदल सकता है। यहां भारी भरकम निवेश की उम्मीद और इसके साथ ही प्रत्यक्ष तौर पर हर लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
पर्षद की मीटिंग में जिन 48 प्रस्तावों को पहले चरण की सहमति दी गई, उनमें गोपालगंज में 136 करोड़ और मुजफ्फरपुर में अनाज आधारित परियोजना में 141.60 करोड़ का निवेश होगा। बियाडा मुजफ्फरपुर में 85 करोड़ से बिस्किट कारखाना, 74 करोड़ खर्च कर न्यूट्रिशन पाउडर और 87 करोड़ खर्च कर टोमैटो कैचअप फैक्ट्री लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। इसके अलावा 12 करोड़ खर्च कर दरभंगा में 70 बेड का अस्पताल का निर्माण होगा।
इसी तरह भागलपुर में 7.78 करोड़ और गया में 12 करोड़ की लागत से बनने वाले होटल को मंजूरी मिली। स्वीकृत योजनाओं में सीतामढ़ी में 3.19 करोड़ और समस्तीपुर में 5 करोड़ की मखान प्रोसेसिंग प्लांट इस प्रस्ताव में शामिल है। पर्षद ने चावल मिल, सर्जिकल बैंडेज, पेट्रोलियम कोक, पीवीसी पाइप, इलेक्ट्रिक रेसिस्टेंस वेल्डेड ट्यूब्स, आटा-चावल मिल, मखान, सिरप-टैबलेट, वोवेन फैब्रिक नूडल्स, ब्रेड- कूकिज- केक, बिस्किट, पेस्ट्री- रस्क ब्रेड-बन्स की कारखाना प्रस्तावों पर सहमति दी। स्नैक्स, प्लास्टर ऑफ पेरिस, मस्टर्ड ऑयल, साल्टेड नमकीन, स्वीट्स-नमकीन, जूट बैग, यूरिन बैग, नोटबुक, वर्मिसेल के प्रस्ताव स्वीकृत हुए।
बता दें कि इन्वेस्टर्स को बिहार का इथेनॉल सेक्टर खूब अच्छा लग रहा है। बीते 4 से 5 सालों में इस सेक्टर में निवेशकों के सबसे ज्यादा प्रस्ताव हैं। सरकार ने भी इस सेक्टर में काफी काम किया और 32454 करोड़ के प्रस्ताव पर मुहर लगाई। इसके तहत पहले फेज में 159 प्लांट को मंजूरी मिली है। यह बिहार में टोटल निवेश का अकेले 57 प्रतिशत है।