केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के का उद्घाटन तहत बन रहे मुंगेर रेल सह सड़क पुल पर दो माह बाद लोग पैदल गंगा नदी पार कर सकेंगे। पुल पर सभी वाहनों का आवागमन होगा। निर्माण कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर केके पाठक ने इस विषय में जानकारी देते हुए कहा कि आगामी 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई के जन्म तिथि के उपलक्ष्य में इसे राष्ट्र को समर्पित करने की पूरी संभावना है।
हरियाणा के सिंगला कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर ने कहा कि मुंगेर रेल सह सड़क पुल के संपर्क पथ का निर्माण अंतिम चरण में चल रहा है। भूमि अधिग्रहण की समस्या बीच में आई थी जिसके चलते काम प्रभावित हुआ था। पुल के दोनों तरफ 14.5 किलोमीटर पथ का निर्माण हो चुका है। पुल के उत्तरी छोर से हीराटोल ग्राम के निकट एनएच-31 तक 5.13 किमी जबकि पुल के दक्षिणी मुंगेर की तरफ 9.39 किलोमीटर लंबी वहीं 60 मीटर चौड़ी एनएच-333 के निर्माण के लिए कुल छोटे-बड़े 19 पिलर का निर्माण हो गया है। 700 करोड़ रुपए के लागत से इसका निर्माण हो रहा है।
बता दें कि साल 2002 में ही देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने मुंगेर रेल सह पुल का आधारशिला रखा था। उस समय 2011 तक इसको बनाए जाने का लक्ष्य था लेकिन राशि आवंटन में आई समस्या के चलते कई वर्षों तक निर्माण कार्य प्रभावित रहा। जिसके बाद साल 2016 में पुल का उद्घाटन हुआ और रेल पथ पर ट्रेनों का आवागमन भी शुरू हो गया। 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की जन्म तिथि है, पूरी संभावना जताई जा रही है कि इसी दिन इसे देश को समर्पित किया जाएगा।