मखाना एवं इसके बंद पैकेट उत्पादों की मांग पूरे विश्व भर में बढ़ी है। ऐसे लोगों को तो रोजगार मिल रहा है और किसानों को भी फायदा मिला है। इस साल के अंत तक वहां एक प्लांट भी लग जाएगा। यहां से मखाना जाएगा और इससे संबंधित उत्पाद भी वहां बनेंगे। मधुबनी का मखाना वन डिस्टिक, वन प्रोडक्ट में शामिल है। यहां बना पैकेट बंद मखाना, मखाना पाउडर, मखाना सकरौरी, मखाना आटा, रोस्टेड और मखाना खीर की सप्लाई देश के 50 शहरों के साथ ही अमेरिका, इंग्लैंड, दुबई, ईरान, इराक, ऑस्ट्रेलिया, सऊदी अरब, कतर और कुवैत सहित विश्व के तीन दर्जन मूल्कों में होती है।
उद्यमी मनीष आनंद झा कहते हैं कि जिले के अटेड़ और जटेल गांव में मखाना प्रोसेसिंग का प्लांट चल रहा है। अब साल के अंत तक इसका एक प्लांट अमेरिका में लगाया जाएगा। अमेरिका में ही मखाना के पैकेट बंद व्यंजनों का उत्पादन किया जाएगा। मखाना मधुबनी से भेजा जाएगा। उन्होंने जानकारी दी कि इसके लिए यूएस कारपोरेशन से मिथिला नेचुरल का रजिस्ट्रेशन हुआ है। प्लांट शुरू होने से डिमांड के मुताबिक उत्पाद होगा। रॉ मैटेरियल ले जाकर उत्पाद करने में लागत भी कम आएगी। अमेरिका में प्रोडक्शन होने से वहां के लोगों का विश्वास भी बढ़ेगा। इसके चलते इस प्रकार के उत्पाद की मांग भी बढ़ी है।
बता दें कि दो प्लांट से लगभग तीन दर्जन लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है। सीजन के दिनों में 4 माह तक लगभग 100 से डेढ़ सौ लोगों को रोजगार मिलता है। साल 2021 में मांस खाना और उसके उत्पाद का व्यापार लगभग आठ करोड़ और विदेश में इसका व्यापार चार करोड़ रुपए का हुआ था। उम्मीद है कि साल देश में 10 एवं विदेश में पांच करोड़ का व्यापार होगा।