मुंबई के तर्ज पर राजधानी के गंगा किनारे निर्माण हो रहे गंगा पथ में दीघा रोटरी से एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट तक का हिस्सा मार्च तक पूर्ण हो जाएगा। पीएमसीएच से गंगा पथ को जोड़ने का काम भी अप्रैल तक पूरा हो जाएगा। राज्य सरकार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन शुक्रवार को सड़क परियोजनाओं का मुआयना किया। काम निर्धारित समय में पूरा हो इसके लिए उन्होंने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया।
पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन दीघा से लेकर गुलबी घाट तक गंगा पथ का निरीक्षण कर रहे थे। उन्होंने एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट और पीएमसीएच सम्पर्कता पथ का भी मुआयना किया। गंगा पथ परियोजना का कार्य बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड कर रही है। 20.5 किमी लम्बे फोन लेन पथ में 11.7 किमी का हिस्सा ऊपरी पथ यानी एलिवेटेडहै। इस परियोजना पर 3390 करोड़ रुपए की लागत आ रही है। बिहार सरकार 1390 करोड़ खर्च कर रही है। शेष दो हजार करोड़ रुपए हाउसिंग अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन से कर्ज के रूप में लिया गया है।
बता दें कि तीन हिस्सों में गंगा पथ का काम किया जा रहा है। पहला हिस्सा दीघा से दुल्ली घाट तक 13.526 किमी लंबी है, नुरुद्धीन घाट 16.676 किमी से धर्मशाला घाट 19.980 किमी है। दूसरा दुल्ली घाट 13.526 किमी से नुरुद्धीन घाट 16.676 किमी लंबी है। वहीं, धर्मशाला घाट 19.980 किमी से पुराने राष्ट्रीय राजमार्ग 20.530 किमी लंबी है।
मुआयना के बाद मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि यह एक महत्वकांक्षी परियोजना है, इससे आवागमन आसान होगा। उत्तर बिहार का आवागमन के लिए इस मार्ग से करने से समय की बचत और जाम की समस्या से भी मुक्ति मिलेगी। अशोक राजपथ पर ट्रैफिक लोड कम होगा। संभावना है कि 2024 तक गंगा पथ को पूर्ण रूप से जनता के लिए समर्पित कर दिया जाएगा। उन्होंने जानकारी दी कि नुरुद्धीन घाट से धर्मशाला घाट तक के लिए टेंडर निकाल दिया गया है। फरवरी, 2024 तक बिना बाधा के दीघा से दीदारगंज तक यह पथ चालू हो जाएगा।